NPS, PPF, EPF. लोग सैलरी मेंं हो या बिजनेस में रिटायरमेंट के लिए खास निवेश स्कीम चाहते है। आप को बता दें कि रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए सरकार की तीन बड़ी स्कीमें हैं। नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड (EPF)। तीनों ही स्कीमें सुरक्षित भविष्य देने का दावा करती हैं, लेकिन इनका तरीका और रिटर्न अलग-अलग है। हालांकि लोगों को इसके बारे में काम जानकारी होती है, जिससे आइए जानते हैं कि आपके लिए कौन-सी स्कीम सही है।
आप को बता दें कि लोग महंगाई को मात देने के लिए कई स्कीम में निवेश करते है, जिससे आप को यहां पर NPS, PPF, EPF कौन सही है? क्या आपने अपनी रिटायरमेंट की तैयारी शुरू की है? जिससे जल्दी निवेश करने से आपको भविष्य में ज्यादा फायदा मिलेगा।
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क्यों चुनें एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड?
अगर आप प्राइवेट या सरकारी नौकरी में हैं, तो आपका एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड (EPF) अपने आप शुरू हो जाता है। इस स्कीम में आपकी बेसिक सैलरी और डीए का 12% हिस्सा हर महीने जमा होता है, और उतनी ही रकम आपका एम्प्लॉयर भी जोड़ता है।
सरकार हर साल इस पर ब्याज दर तय करती है, जो फिलहाल 8.25% है। रिटायरमेंट के वक्त पूरी राशि आपको एकमुश्त मिलती है। जरूरत पड़ने पर आप बीच में भी कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं, जैसे घर खरीदने, शादी या मेडिकल जरूरतों के लिए। तो वही EPF की सबसे बड़ी खूबी गारंटीड रिटर्न और जीरो रिस्क है।
सुरक्षित निवेश और टैक्स फ्री रिटर्न में PPF
जो लोग सेल्फ-एम्प्लॉयड हैं या जिनकी नियमित सैलरी नहीं है, उनके लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक शानदार विकल्प है। यह स्कीम 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आती है, और सरकार हर तिमाही इसकी ब्याज दर तय करती है। फिलहाल इसका इंटरेस्ट रेट 7.1% है। PPF की सबसे खास बात है कि इसका रिटर्न टैक्स फ्री होता है, यानी मैच्योरिटी पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।
अगर आपको बीच में पैसे की जरूरत हो, तो 7वें साल से आंशिक निकासी की सुविधा भी मिलती है। अगर आप रिस्क नहीं लेना चाहते और सुरक्षित रिटर्न चाहते हैं, तो PPF आपके लिए बेस्ट है।
ज्यादा रिटर्न के लिए NPS
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक मार्केट लिंक्ड स्कीम है। यानी इसमें आपका पैसा शेयर मार्केट, सरकारी बॉन्ड और कॉरपोरेट सिक्योरिटीज में निवेश होता है।
यह स्कीम आपको यह चुनने की आजादी देती है कि आप कितना पैसा किस एसेट क्लास में लगाना चाहते हैं। लंबे समय में, यह PPF और EPF से ज्यादा रिटर्न दे सकती है, लेकिन इसमें जोखिम भी थोड़ा ज्यादा रहता है।
रिटायरमेंट के समय, आपको 60% रकम एकमुश्त मिलती है और बाकी 40% रकम से एन्युटी खरीदी जाती है, जिससे हर महीने पेंशन मिलती है। अगर आप मार्केट में उतार-चढ़ाव झेल सकते हैं और ज्यादा रिटर्न की तलाश में हैं, तो NPS आपके लिए अच्छा विकल्प है।
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो EPF के साथ NPS में भी थोड़ा निवेश करना फायदेमंद रहेगा। वहीं, सेल्फ-एम्प्लॉयड लोग PPF और NPS के कॉम्बिनेशन को अपना सकते हैं।
अगर आप रिस्क लेने से बचना चाहते हैं तो PPF सबसे सेफ स्कीम है। लेकिन अगर आप ज्यादा रिटर्न के लिए थोड़ा रिस्क ले सकते हैं, तो NPS बेहतर साबित हो सकता है। आखिरकार, आपकी इनकम, रिस्क लेने की क्षमता और फाइनेंशियल गोल तय करेंगे कि कौन-सी स्कीम आपके लिए सही है।