8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी, जिससे देशभर के करीब 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी लाभान्वित हो सकते हैं। फिलहाल आयोग का औपचारिक गठन बाकी है और अभी चेयरपर्सन, सदस्य और कार्यदिशा (ToR) तय नहीं हुई है। लेकिन वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है।
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फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?
फिटमेंट फैक्टर वह गणना का आधार है, जिसके जरिए कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी तय होती है। 7वें वेतन आयोग में इसे 2.57 रखा गया था। इसका मतलब था कि पुराने बेसिक पे को 2.57 से गुणा कर नया बेसिक पे बनाया गया था। इस दौरान महंगाई भत्ता (DA) को शून्य कर दिया जाता है और बाद में नए स्ट्रक्चर पर फिर से DA की गणना शुरू होती है।
कैसे काम करता है फिटमेंट फैक्टर?
मान लीजिए किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर 2.0 तय होता है। ऐसे में उसकी नई बेसिक सैलरी 36,000 रुपये होगी। इसके ऊपर महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता (HRA) और अन्य भत्ते जुड़ेंगे। इससे कुल टेक-होम सैलरी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होगी।
कब लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग?
Ambit Institutional Equities की रिपोर्ट के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट 2025 के अंत तक आ सकती है। इसके बाद केंद्र सरकार कैबिनेट की मंजूरी लेगी और जनवरी 2026 से इसे लागू किया जा सकता है। अंतिम फैसला आयोग की सिफारिशों और सरकार के निर्णय पर निर्भर करेगा।
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कितनी बढ़ सकती है सैलरी?
वित्तीय रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में करीब 30% से 34% तक बढ़ोतरी हो सकती है। मौजूदा न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये को बढ़ाकर लगभग 51,480 रुपये तक करने की संभावना जताई जा रही है। यह बढ़ोतरी न केवल कर्मचारियों बल्कि पेंशनभोगियों को भी राहत पहुंचाएगी।