नई दिल्ली: वेस्टइंडीज क्रिकेट के महान ऑलराउंडर बर्नार्ड जूलियन का 75 साल की उम्र में त्रिनिदाद के उत्तरी शहर वालसेन (Valsayn) में निधन हो गया। जूलियन 1975 में पहली बार वर्ल्ड कप जीतने वाली वेस्टइंडीज टीम का अहम हिस्सा थे। अपने करियर में उन्होंने 24 टेस्ट और 12 ODI मैचों में कैरेबियाई टीम का प्रतिनिधित्व किया और 68 विकेट तथा 952 रन बनाकर टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
1975 के पहले ODI वर्ल्ड कप में जूलियन का प्रदर्शन खासा यादगार रहा। श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 4 विकेट लेकर सिर्फ 20 रन दिए, जबकि सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 4 विकेट पर 27 रन की दमदार गेंदबाजी की। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 37 गेंदों पर 26 रन की उपयोगी पारी खेलकर उन्होंने टीम को जीत के करीब पहुँचाया। इस टूर्नामेंट ने उन्हें एक खतरनाक ऑलराउंडर के रूप में स्थापित किया, जिनकी लेफ्ट-आर्म सीमर, आक्रामक बल्लेबाजी और चुस्त फील्डिंग हमेशा चर्चा में रहती थी।
जूलियन का टेस्ट करियर भी कम रोमांचक नहीं था। 1973 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 121 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली, जबकि अगले साल उसी टीम के खिलाफ 5 विकेट भी लिए। महान कप्तान क्लाइव लॉयड ने उन्हें याद करते हुए कहा, “जूलियन हमेशा अपना 100 प्रतिशत देते थे। बल्ले और गेंद दोनों से भरोसेमंद खिलाड़ी थे। उनका मजाकिया और मिलनसार स्वभाव भी सभी को पसंद आता था।”
उनका अंतरराष्ट्रीय करियर अचानक 1982-83 में साउथ अफ्रीका दौरे के बाद रुक गया। उस समय साउथ अफ्रीका में रंगभेद चरम पर था और जूलियन उस बागी टीम का हिस्सा बने, जिसने राजनीतिक दबावों के बावजूद मैदान पर खेल जारी रखा। इसके अलावा, उन्होंने 1970 से 1977 तक इंग्लैंड की काउंटी टीम केंट के लिए भी खेला।
क्रिकेट वेस्टइंडीज (CWI) के अध्यक्ष डॉ. किशोर शैलो ने कहा कि जूलियन का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने परिवार और प्रियजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि जूलियन की क्रिकेट विरासत सदा जीवित रहेगी।