कई बार आपने भी यह खबर सुनी होगी कि पुलिस ने किसी होटल में छापा मारकर वहां मौजूद कपल्स को पकड़ लिया। ऐसी घटनाएं न केवल मीडिया की सुर्खियां बनती हैं, बल्कि अनमैरिड कपल्स के मन में डर भी पैदा करती हैं कि कहीं उन्हें भी पुलिस पकड़ न ले। लेकिन सच्चाई यह है कि भारत का संविधान ऐसे कपल्स को भी पूरी तरह से निजता का अधिकार देता है।
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भारतीय कानून क्या कहता है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर व्यक्ति को अपनी मर्जी से जीवन जीने और निजता का अधिकार प्राप्त है। अगर कोई कपल बालिग है और किसी अपराध में शामिल नहीं है तो पुलिस के पास उन्हें होटल से गिरफ्तार करने या परेशान करने का कोई वैधानिक अधिकार नहीं होता।
कपल्स के पास वैध आईडी प्रूफ और होटल बुकिंग होनी चाहिए। यदि दोनों की सहमति से वे होटल में ठहरे हैं तो इसे किसी भी तरह का अपराध नहीं माना जा सकता। हालांकि अगर किसी पक्ष की ओर से शिकायत की जाती है या बयान बदल दिया जाता है, तो जांच की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। ऐसे मामलों में ही गिरफ्तारी की संभावना बनती है।
पुलिस छापेमारी के दौरान क्या करें?
अगर होटल में ठहरते समय पुलिस छापेमारी करती है और आपके पास सभी वैध दस्तावेज मौजूद हैं, तो आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। यदि पुलिस आपको डराने या गिरफ्तार करने की कोशिश करती है, तो आप उनसे लिखित रूप में गिरफ्तारी का कारण मांग सकते हैं।
कानूनी रूप से आप उस समय पुलिस की कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कर सकते हैं। यदि पुलिस अत्यधिक दबाव बना रही है तो आप तत्काल पीसीआर कॉल कर सकते हैं या वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत कर सकते हैं। बालिग होने का प्रमाण देने के बाद कोई भी अधिकारी आपके माता-पिता को बुलाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।
अदालतों के महत्वपूर्ण फैसले
कई हाईकोर्ट्स ने समय-समय पर अनमैरिड कपल्स के पक्ष में अहम फैसले दिए हैं। 2009 में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि अगर दोनों बालिग हैं, तो उन्हें होटल में साथ रहने का पूरा अधिकार है।
इसके बाद 2013 में मद्रास हाई कोर्ट ने भी कहा कि अविवाहित जोड़े को होटल में रुकने से कानून नहीं रोक सकता। 2019 में मद्रास हाई कोर्ट ने दोहराया कि लिव-इन रिलेशनशिप या होटल में साथ रहना किसी भी कानून के तहत अपराध नहीं है।
इन निर्णयों से स्पष्ट है कि भारतीय न्यायपालिका भी निजता के अधिकार को पूरी तरह से मान्यता देती है।
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समाज की सोच और कानूनी हकीकत
आज भी समाज में अनमैरिड कपल्स को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं, लेकिन कानून इनके अधिकारों की रक्षा करता है। नैतिकता के नाम पर किसी की निजी आज़ादी का उल्लंघन नहीं किया जा सकता। इसीलिए अगर कोई बालिग जोड़ा अपनी सहमति से होटल में रुकता है तो पुलिस या कोई तीसरा व्यक्ति उन्हें अपराधी नहीं ठहरा सकता।