देश में डिजिटल पहचान को और सरल बनाने के उद्देश्य से UIDAI ने बच्चों के लिए बड़ी राहत दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने घोषणा की है कि 7 से 15 वर्ष की आयु वाले बच्चों के लिए बायोमेट्रिक अपडेट पर लगने वाला शुल्क पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। यह छूट 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो गई है और एक वर्ष तक लागू रहेगी।
इसे भी पढ़ें- Samsung Galaxy M36 5G हुआ सस्ता, अब सिर्फ ₹13,999 में – जानें फीचर्स
मंत्रालय का कहना है कि इस कदम से करोड़ों परिवारों को राहत मिलेगी, क्योंकि अब बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट करवाने के लिए किसी अतिरिक्त खर्च की आवश्यकता नहीं होगी।
6 करोड़ बच्चों को मिलेगा सीधा फायदा
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस निर्णय से करीब 6 करोड़ बच्चों को लाभ मिलेगा। यह उन बच्चों पर लागू होगा जिनकी उम्र 7 से 15 वर्ष के बीच है और जिन्हें अपने आधार कार्ड में अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (MBU-1 या MBU-2) करवाना होता है। UIDAI ने कहा है कि यह छूट एक साल तक के लिए लागू रहेगी और इसे आगे बढ़ाने पर भी विचार किया जा सकता है।
मंत्रालय ने यह भी बताया कि इस पहल से बच्चों की शिक्षा, छात्रवृत्ति और सरकारी योजनाओं तक उनकी पहुंच को सुगम बनाया जा सकेगा।
बच्चों के आधार में कब होता है बायोमेट्रिक अपडेट
UIDAI के नियमों के अनुसार, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का आधार केवल उनके नाम, जन्मतिथि, लिंग, पते और तस्वीर के आधार पर बनता है। इस आयु में बच्चों के उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों के बायोमेट्रिक नहीं लिए जाते क्योंकि वे उस समय तक विकसित नहीं होते।
जब बच्चा 5 वर्ष का हो जाता है, तब उसे पहला अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (MBU-1) कराना होता है जिसमें उसके फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन और नई तस्वीर ली जाती है। इसके बाद जब बच्चा 15 वर्ष की आयु का हो जाता है, तो दूसरा बायोमेट्रिक अपडेट (MBU-2) आवश्यक होता है।
पहले इन अपडेट्स के लिए 125 रुपये शुल्क लिया जाता था, लेकिन अब UIDAI ने इसे पूरी तरह माफ कर दिया है।
एक साल तक रहेगी शुल्क माफी की सुविधा
यह सुविधा 1 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर एक वर्ष तक लागू रहेगी। UIDAI के इस कदम का उद्देश्य अधिक से अधिक बच्चों के आधार रिकॉर्ड को अपडेट करना है, ताकि भविष्य में किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने में उन्हें परेशानी न हो।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह निर्णय देश में डिजिटल पहचान प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। इससे गरीब और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी, जहां बायोमेट्रिक अपडेट कराने में आर्थिक दिक्कतें आती थीं।
बच्चों की डिजिटल पहचान को मिलेगा नया बल
डिजिटल इंडिया अभियान के तहत सरकार नागरिकों की पहचान को अधिक सटीक और अपडेटेड रखने पर जोर दे रही है। बच्चों के आधार कार्ड को समय पर अपडेट कराना उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और सरकारी योजनाओं में भागीदारी सुनिश्चित करता है।
इसे भी पढ़ें- सिर्फ ₹1.10 लाख में खरीदें Maruti Suzuki Alto K10 – जबरदस्त माइलेज और ऑफर!
UIDAI का यह निर्णय न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ाएगा, बल्कि बच्चों के भविष्य से जुड़े कई सरकारी प्रावधानों तक उनकी पहुंच को भी सुगम बनाएगा।