अक्सर सड़कों पर देखा जाता है कि ट्रैफिक पुलिस नियम तोड़ने वाले चालकों पर जुर्माना लगाती है और कई बार ड्राइविंग लाइसेंस तक जब्त कर लेती है। लेकिन हाल ही में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए साफ कर दिया है कि ट्रैफिक पुलिस के पास न तो ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड करने का अधिकार है और न ही उसे रद्द करने का। पुलिस सिर्फ विशेष परिस्थितियों में लाइसेंस जब्त कर सकती है।
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कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
24 जुलाई 2025 को कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस पार्थ सारथी चटर्जी ने एक अहम फैसला सुनाया जिसमें कहा गया कि ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ड्राइविंग लाइसेंस को न तो सस्पेंड कर सकते हैं और न ही रद्द। यह अधिकार सिर्फ “लाइसेंसिंग अथॉरिटी” के पास होता है, जो मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 2(20) में स्पष्ट रूप से परिभाषित है। कोर्ट ने कहा कि “ठोससिर्फ कारण” होने की स्थिति में ही पुलिस अधिकारी लाइसेंस को अस्थायी रूप से जब्त कर सकते हैं, जैसे कि नशे में गाड़ी चलाना, खतरनाक तरीके से ड्राइविंग करना या अत्यधिक तेज़ गति से वाहन चलाना।
क्या है पूरा मामला?
कोलकाता के एक वकील सुभ्रांगसु पांडा को ट्रैफिक पुलिस ने तेज़ गति से वाहन चलाने के आरोप में रोक लिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनका ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया और ऑनलाइन भुगतान के बजाय नकद जुर्माना मांगने लगी। इसके बाद उन्होंने अदालत में याचिका दायर की। कोर्ट ने जांच के बाद पाया कि पुलिस अधिकारी ने कानून का उल्लंघन किया था। नतीजतन, न्यायालय ने वकील के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को रद्द कर दिया और संबंधित पुलिसकर्मी को कड़ी चेतावनी जारी की।
कोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में पुलिस ड्राइविंग लाइसेंस को सस्पेंड या रद्द नहीं कर सकती। यह अधिकार सिर्फ परिवहन विभाग की लाइसेंसिंग अथॉरिटी के पास होता है। पुलिस अधिकारी सिर्फ इतना कर सकते हैं कि वे किसी गंभीर उल्लंघन की स्थिति में ड्राइविंग लाइसेंस को अस्थायी रूप से जब्त करें और आगे की कानूनी प्रक्रिया के लिए उसे संबंधित प्राधिकारी को सौंप दें।
पुलिस के लिए कोर्ट की सख्त चेतावनी
अदालत ने इस मामले में ट्रैफिक पुलिस को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सभी पुलिस कर्मियों को मोटर वाहन अधिनियम और उसके प्रावधानों की पूरी जानकारी दी जाए। इसके लिए कोर्ट ने वरिष्ठ अधिकारियों को आदेश दिया कि वे ट्रैफिक पुलिस को विशेष प्रशिक्षण दें ताकि भविष्य में इस तरह की कानूनी गलतियां दोहराई न जाएं।
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क्या कहता है मोटर वाहन अधिनियम?
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 206(4) में यह प्रावधान है कि पुलिस सिर्फ उसी स्थिति में ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर सकती है जब चालक खतरनाक तरीके से वाहन चलाए, नशे में ड्राइव करे या किसी की जान को खतरे में डाले। लाइसेंस का रद्द या निलंबन केवल संबंधित लाइसेंसिंग प्राधिकारी ही कर सकता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से कानूनी जांच के बाद ही होती है।