अब रिटायरमेंट के बाद भी बंद नहीं होगी कमाई! इस Smart Investment से मिलेगा हर महीने पैसा

Smart Investment. आज के समय में लोगो का ज्यादातर कमाई का जरिया नौकरी होता है, जिससे एक ना एक दिन नौकरी में रिटायरमेंट होता ही है। ऐसे लोगों की 60 साल के उम्र पर जिंदगी सुकूनभरी तभी हो सकती है, जब पैसों की चिंता न हो। 50 लाख रुपये का फंड अगर आपके पास है, तो इसे सही प्लानिंग से निवेश कर आप अगले 25–30 साल तक बिना किसी तनाव के नियमित इनकम पा सकते हैं।

दरअसल फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद मुख्य लक्ष्य लोगों का कैपिटल प्रोटेक्शन पर होना चाहिए। यानि पैसा सुरक्षित रहे और नियमित आय भी मिलती रहे। आज हम आप को ऐसी जानकारी दे रहे हैं, जिससे स्मार्ट निवेश से हर महीने पैसा मिलेगा।

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सबसे पहले तय करें इनकम

निवेश की शुरुआत करने से पहले यह समझना जरूरी है कि आपको हर महीने कितनी राशि की जरूरत होगी। मान लीजिए आपकी मासिक जरूरत ₹40,000 से ₹50,000 है, तो उसी आधार पर निवेश को तीन हिस्सों में बांटना बेहतर रहेगा। जिसमें फिक्स्ड इनकम, इक्विटी, और लिक्विड फंड्स हो सकते हैं। यहां पर निवेश करने पर आप की न केवल आपकी आय नियमित बनी रहेगी, बल्कि पूंजी भी सुरक्षित रहेगी।

सुरक्षित इनकम के लिए ये स्कीमें चुनें

एक्सपर्ट्स के अनुसार, लगभग 60 से 70 फीसदी राशि सुरक्षित विकल्पों में रखनी चाहिए। इनमें शामिल हैं। जिसमें यहां पर

  • फिक्स्ड डिपॉजिट्स (FDs) पर 7–8% तक का स्थिर ब्याज।
  • सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम (SCSS) – सरकार द्वारा समर्थित योजना, जिसमें ब्याज हर तिमाही मिलता है।
  • हाई-रेटेड कॉरपोरेट बॉन्ड्स और डेट म्यूचुअल फंड्स – थोड़े बेहतर रिटर्न के साथ नियंत्रित जोखिम।
  • एन्युटी प्लान्स – एकमुश्त निवेश के बदले आजीवन निश्चित इनकम।

इन निवेश स्कीम में आपको स्थिर और बिना जोखिम वाली सालाना आमदनी मिल सकती है, जो आपके खर्चों कों पूरा कर सकती है। जिससे आप अपने सुविधा के अनुसार निवेश कर सकते हैं।

ऐसे दें महंगाई से मात

सिर्फ फिक्स्ड इनकम पर निर्भर रहने से समय के साथ महंगाई आपकी खरीद क्षमता को कम कर सकती है। इसलिए 25–40% तक राशि इक्विटी या इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में लगाना बुद्धिमानी है।

तो वही वेल्थ एक्सपर्ट अमित सूरी का कहना है, “रिटायरमेंट में इक्विटी में निवेश का मकसद बड़ा रिटर्न कमाना नहीं, बल्कि लंबी अवधि में महंगाई को मात देना होना चाहिए।”

ऐसे में लोगों को लार्ज-कैप, बैलेंस्ड या मल्टी एसेट ऐलोकेशन फंड्स में निवेश करना बेहतर रहता है। Systematic Withdrawal Plan (SWP) के जरिए हर महीने निश्चित रकम निकाल सकते हैं, जिससे पूंजी पर बोझ नहीं पड़ता।

टैक्स और रिटर्न का संतुलन बनाएं

नई टैक्स रीजीम के तहत ₹12 लाख रुपये तक की सालाना  इनकम टैक्स-फ्री है। वहीं, इक्विटी निवेश पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगभग 12.5% और शॉर्ट टर्म पर 20% तक लगता है। सही टैक्स प्लानिंग से नेट रिटर्न और भी बढ़ सकता है।

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इक्विटी हिस्से से औसतन 10-12% सीएजीआर तक का रिटर्न मिल सकता है, जबकि फिक्स्ड इनकम हिस्से से 6-8% तक, जिससे पूरे पोर्टफोलियो से सालाना करीब ₹4.8-5 लाख रुपये तक की आय बन सकती है।

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