GST 2.0. देश में हाल ही में किए जीएसटी (GST) दरों में कटौती के बाद में आम लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है। जिससे 22 सितंबर 2025 से नई दरें लागू होंगी। जिसके वजह से लोग उम्मीद कर रहे हैं कि रोजमर्रा के सामान जैसे साबुन, बिस्किट, चिप्स और टूथपेस्ट भी सस्ते हो जाएंगे। हालांकि ऐसा नहीं होगा कंपनियों ने इसके पीछे की वजह बताई है, आप को जानकर बड़ा झटका लग सकता है।
खबरों में बताया जा रहा है कि FMCG कंपनियों ने साफ कर दिया है कि वे 5, 10 और 20 रुपये वाले पैक्स की कीमतों में कोई बदलाव नहीं करेंगी। इन कंपनियों का कहना है कि ग्राहक इन तय दामों के आदी हैं और कीमत बदलने से कन्फ्यूजन हो सकता है। जिससे कीमत तो कम नहीं होने वाली है।
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GST स्लैब में बड़ा बदलाव
हाल ही में केंद्र सरकार ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव कर दिया है। अब तक 5%, 12%, 18% और 28% के चार स्लैब थे। लेकिन 22 सितंबर से सिर्फ दो स्लैब रह जाएंगे – 5% और 18% वहीं लग्जरी और ‘सिन प्रोडक्ट्स’ के लिए 40% का नया स्लैब बनाया गया है। इससे रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें पहले से सस्ती होने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस वजह से नहीं घटाए दाम?
खबरों में सामने आई जानकारी में कई FMCG कंपनियों ने टैक्स अधिकारियों से बातचीत में साफ किया है कि छोटे पैक्स जैसे 5 रुपये का बिस्किट, 10 रुपये का साबुन या 20 रुपये का टूथपेस्ट की कीमतों में बदलाव संभव नहीं है।
कंपनियों का इसके पीछे कहना है कि भारतीय ग्राहक इन स्टैंडर्ड प्राइस पॉइंट्स से पूरी तरह परिचित हैं। अगर 10 रुपये का पैकेट अचानक 9 रुपये या 18 रुपये का हो गया, तो ग्राहक कन्फ्यूज हो सकते हैं और खरीदारी की आदतें बदल सकती हैं। कंपनियों ने कीमत कम नहीं करने के ये बड़ा तर्क दिया है।
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कैसे मिलेगा ग्राहकों को फायदा?
कंपनियों के मुताबिक टैक्स कटौती का सीधा असर ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए वे क्वांटिटी यानी पैकेट में मौजूद प्रोडक्ट की मात्रा बढ़ा देंगी। यानी अगर पहले 20 रुपये के पैकेट में 80 ग्राम बिस्किट मिलते थे, तो अब उसी कीमत पर 90 या 100 ग्राम तक दिए जा सकते हैं। इसी तरह चिप्स और स्नैक्स के पैक में पहले से ज्यादा मात्रा मिलेगी। हालांकि कंपनी किस हद तक पैकेट में मात्रा बढ़ती हैं, यह आने वाला समय ही बताएगा।