Tax rules. देश में आमतौर ऐसे कई विशेष प्रोग्राम के मौके पर गिफ्ट देने का चलन रहता है। देश में रिश्तों में कम कीमत से लेकर उंची कीमत वाले गिफ्ट दिए जाते हैं, जिससे कई बार लाखों रुपए के लोग गिफ्ट देते हैं। हम यहां पर आप को बहू या दामाद को गिफ्ट देने पर क्या जरुरी टैक्स नियम है, जिसके बारे में आप को तुरंत जानना चाहिए वरना बड़ा नुकसान हो सकता है। जी हां ऐसे लोगों को कम जानकारी होती है।
दरअसल कई शुभ अवसर जैसे शादी, त्यौहार या गृह प्रवेश पर गिफ्ट देना एक आम परंपरा है। खासतौर पर नई बहू या दामाद को तो हर कोई कुछ न कुछ उपहार देना चाहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन गिफ्ट्स पर टैक्स भी लग सकता है।
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अब अपडेट हो गया गिफ्ट टैक्स पर नियम
पहले भारत में गिफ्ट टैक्स एक्ट के तहत गिफ्ट देने वाले व्यक्ति को टैक्स देना पड़ता था। लेकिन अब यह नियम बदल चुका है। वर्तमान में इनकम टैक्स एक्ट के तहत गिफ्ट पर टैक्स देने की जिम्मेदारी गिफ्ट लेने वाले व्यक्ति की होती है। यानी अगर आप गिफ्ट प्राप्त कर रहे हैं, तो उस पर टैक्स की देनदारी आपकी होगी।
50,000 रुपये तक के गिफ्ट पर टैक्स फ्री
इनकम टैक्स विभाग के अनुसार, अगर किसी वित्तीय वर्ष में आपको मिले सभी गिफ्ट्स की कुल वैल्यू ₹50,000 या उससे कम है, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन अगर यह रकम ₹50,000 से ज्यादा हो जाती है, तो पूरी राशि टैक्सेबल इनकम मानी जाएगी और इस पर टैक्स देना होगा। हालांकि, कुछ खास रिश्तेदारों (specified relatives) से मिलने वाले गिफ्ट इस नियम से बाहर हैं यानी उन पर टैक्स नहीं लगता।
कौन-कौन से रिश्तेदारों से गिफ्ट टैक्स-फ्री हैं?
इनकम टैक्स कानून में कुछ रिश्तों को “स्पेसिफाइड रिलेटिव्स” की श्रेणी में रखा गया है। इनसे मिले गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता, चाहे राशि कितनी भी बड़ी क्यों न हो। इनमें शामिल हैं:
- माता-पिता, सास-ससुर
- पति-पत्नी
- पुत्र या पुत्रवधू (बहू)
- भाई-बहन
इसका मतलब है कि अगर सास-ससुर बहू को गिफ्ट देते हैं, या पति अपनी पत्नी को गिफ्ट देता है, तो उस पर टैक्स नहीं देना होगा, हालांकि भले ही गिफ्ट टैक्स-फ्री हो, लेकिन इनसे क्लबिंग प्रोविजन (Clubbing Provision) के तहत टैक्स की देनदारी बन सकती है।
जिसे आप इस तरीक से समझ सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर सास-ससुर ने बहू को कोई प्रॉपर्टी या पैसा गिफ्ट किया और उससे इनकम जनरेट होती है (जैसे किराया या ब्याज), तो वह इनकम गिफ्ट देने वाले यानी सास-ससुर की इनकम में जुड़ जाएगी।
इसी तरह, पति-पत्नी के बीच गिफ्ट पर भी यही नियम लागू होता है गिफ्ट टैक्स-फ्री है, लेकिन उस गिफ्ट से होने वाली आमदनी पति या पत्नी की इनकम में क्लब कर दी जाती है।
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बहू और दामाद के केस में फर्क
बहू को सास-ससुर से मिला गिफ्ट क्लबिंग प्रोविजन में आता है, यानी उसकी आमदनी सास-ससुर की इनकम में जुड़ सकती है। लेकिन दामाद को मिलने वाले गिफ्ट पर यह नियम लागू नहीं होता है यानी अगर सास-ससुर दामाद को गिफ्ट देते हैं, तो वह उनकी इनकम में नहीं जोड़ा जाएगा।
शादी से पहले दिए गिफ्ट पर क्या नियम हैं?
अगर शादी से पहले किसी लड़की या लड़के को गिफ्ट दिया जाता है, तो वह स्पेसिफाइड रिलेटिव्स की श्रेणी में नहीं आता। इसलिए अगर सालभर में मिले गिफ्ट्स की कुल राशि ₹50,000 से अधिक हो जाती है, तो उस पर टैक्स देना होगा।