GST Council Decisions: जीएसटी सिस्टम को सरल और आसान बनाने के लिए जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। अभी तक स्टूडेंट्स और अभिभावकों को स्टेशनरी जैसे नोटबुक, नक्शे, पेंसिल और ड्राइंग के समान पर 12 फीसदी तक टैक्स चुकाना होता है लेकिन सरकार ने अपने फैसले में इस टैक्स को खत्म कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ सरकार के द्वारा कागज में लगने वाले 12 फीसदी टैक्स को 18 फीसदी कर दिया गया है, जिसके बाद बच्चों की पढ़ने वाली किताबें महंगी हो सकती है।
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कागज पर पहले लगता था इतने फीसदी टैक्स
बता दें पहले कागज पर लगने वाला जीएसट 12 फीसदी था, लेकिन अब कागज पर 18 फीसदी लगेगा। ऐसे में प्रकाशकों के लिए कठिन घड़ी आ गई है। सरकार ने इस कदम के विरोध में कितान का बिजनेसमैन ने लेटर लिखकर अपनी चिंता जाहर की है। केंद्रीय मंत्री को लिखे गए पत्र में इस मसले को लेकर जल्द सुलझाने की अपील की है। इसको लेकर सरकार से मांग की गई है। इस बारे में 22 सितंबर तक अपडेट दे दिया जाएगा।
शैक्षिण महासंध ने कही ये बात
मीडिया रिपोर्ट की मानें, भारतीय शैक्षिक महासंघ ने इसको लेकर मुद्दा उठाया है संघ ने कहा-कि किताबें सरकार की कोशिश के अनुरूप सस्ती नहीं होंगी। इस कारण से जीएसटी स्लैब में कई कमियां मौजूद हैं ऐसे में किताबों की कीमतें बढ़ सकती है। महासंघ के प्रेसिडेंट गोपाल शर्मा और महासचिव राजेश गुप्ता ने कहा कि स्टेशनरी और किताबों को जरूर जीएसटी से राहत मिली है, जो किताबें स्टूडेंट के काम आएगी। उन किताबों को बड़े स्लैब में रखा गया है,
जीएसटी का नया स्लैब
- जीएसटी परिषद के द्वारा जीएसटी को और भी आसान बनाने के लिए सिर्फ दो स्लैब 5 फीसदी और 18 फीसदी रखने का फैसला किया है।
- पढ़ाई से जुड़ी जरूरी चीजों पर 5 फीसदी के बजाय जीरो फीसदी टैक्स लगेगा।
- समान्य और गैर जरूरी चीजों पर 18 फीसदी का जीएसटी लगेगा।
- वहीं खास और महंगी और नुकसानदायक चीजों पर 40 फीसदी तक टैक्स लगेगा।
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क्यों बढ़ जाएंगे किताबों के दाम
बता दें कागज का एचएसएन कोड 4802 में आता है। जीएसटी काउंसिल ने अब इसको दो पार्ट में रखा है। इसके पहले पार्ट में कागज कॉपी वालों को बिकता है तो उस पर जीरो जीएसटी लगेगा। दूसरे पार्ट में मंगाया जाने वाला कागज कॉपी वालों के अलावा किसी दूसरी को बेचा जाता है तो 18 फीसदी में बिकेगा। ऐसे में कॉपी पर लगने वाला कागज सस्ता हो जाएगा। वहीं किताबों पर लगने वाला कागज ज्यादा कीमती हो सकता है।