Used Car Buying Tips: आज के समय में कार केवल एक लग्जरी नहीं बल्कि जरूरत बन चुकी है। लेकिन बढ़ती कीमतों के चलते हर कोई नई कार नहीं खरीद पाता। ऐसे में लोग सेकंड हैंड या यूज्ड कार खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं। ये कारें किफायती होती हैं और कम कीमत में अच्छी कंडीशन में भी मिल जाती हैं। हालांकि जल्दबाजी या जानकारी के अभाव में कई बार खरीदार ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिनका पछतावा बाद में होता है। अगर आप भी पुरानी कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो इन तीन बातों को जरूर ध्यान में रखें।
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सर्विस हिस्ट्री और डॉक्यूमेंट जांचना है सबसे जरूरी
अक्सर लोग कार की बाहरी हालत देखकर ही खरीदारी का फैसला ले लेते हैं, लेकिन यह सबसे बड़ी गलती होती है। किसी भी सेकंड हैंड कार को खरीदने से पहले उसकी पूरी सर्विस हिस्ट्री की जांच करें। जानें कि गाड़ी कितनी बार सर्विस हुई है, किन पार्ट्स को बदला गया है, और क्या इंश्योरेंस या टैक्स क्लियर है या नहीं। अगर गाड़ी किसी एक्सीडेंट में शामिल रही हो और सही तरीके से रिपेयर न की गई हो, तो आगे चलकर आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
साथ ही, गाड़ी के जरूरी दस्तावेज जैसे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), इंश्योरेंस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और लोन क्लीयरेंस पेपर ध्यान से जांचें। कई बार फर्जी दस्तावेजों के सहारे कारें बेची जाती हैं, जिससे बाद में कानूनी परेशानी हो सकती है। इसलिए, पेपरवर्क को नजरअंदाज न करें।
टेस्ट ड्राइव से मिलती है असली जानकारी
सेकंड हैंड कार खरीदने से पहले हमेशा टेस्ट ड्राइव जरूर लें। टेस्ट ड्राइव से इंजन, ब्रेक, गियर, सस्पेंशन और स्टीयरिंग की हालत का सही अंदाजा लगाया जा सकता है। कई बार कार बाहर से बिल्कुल सही लगती है, लेकिन चलाने पर उसकी असली स्थिति सामने आती है।
सिर्फ टेस्ट ड्राइव ही नहीं, बल्कि किसी भरोसेमंद मैकेनिक से भी कार की पूरी जांच कराएं। एक एक्सपर्ट मैकेनिक इंजन की स्थिति, बैटरी, टायर, अंडरबॉडी और अन्य तकनीकी हिस्सों की सटीक जानकारी दे सकता है। अगर आपने यह जांच नहीं की, तो बाद में रिपेयरिंग और पार्ट्स बदलने में भारी खर्चा हो सकता है।
इसके अलावा गाड़ी का वास्तविक माइलेज और फ्यूल एफिशिएंसी भी परखें। कई बार दिखाया गया माइलेज सही नहीं होता और कार जरूरत से ज्यादा पेट्रोल या डीजल खर्च करती है।
सोच-समझकर करें खरीदारी
पुरानी कार खरीदना तभी सही साबित होता है जब आप सभी जरूरी जांच पूरी सावधानी से करें। पेपरवर्क, टेस्ट ड्राइव और एक्सपर्ट ओपिनियन पर भरोसा करना ही समझदारी है। याद रखें, सस्ती कार तभी फायदेमंद होती है जब वह लंबे समय तक बिना किसी परेशानी के साथ दे सके।
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अगर आपने सभी जरूरी कदम उठा लिए तो सेकंड हैंड कार खरीदना आपके लिए एक अच्छा और किफायती निर्णय साबित हो सकता है।