NPS निवेशकों की होगी अब मोटी कमाई, PFRDA और आसान किए ये जरुरी नियम, जानें

NPS. अगर आप रिटायरमेंट के समय के लिए बंपर रिटर्न कमाना चाहते हैं, तो आपके लिए नेशनल पेमेंट सिस्टम स्कीम जबरदस्त है। सरकार ने इस स्कीम में एक बड़ा बदलाव कर दिया है। जिससे आप निवेशकों की यहां बंपर कमाई होगी। नेशनल पेमेंट सिस्टम यानी कि एनपीएस में 1 अक्टूबर 2025 के हुए को हुए बड़े बदलाव के वजह से अब निवेदक ज्यादा कमाई कर सकेंगे। पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने इस योजना को और लचीला और आकर्षक बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं।

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में अब नॉन-गवर्नमेंट सब्सक्राइबर्स को अपने पूरे फंड को इक्विटी यानी शेयर बाजार में लगाने की अनुमति होगी। साथ ही निवेशकों को मल्टिपल स्कीम फ्रेमवर्क और आसान विड्रॉल जैसी नई सुविधाएं भी मिलेंगी।

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क्यों किए गए बदलाव?

NPS को शुरू में केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए लाया गया था, लेकिन 2009 में इसे निजी क्षेत्र और आम नागरिकों के लिए भी खोल दिया गया। पिछले 16 सालों में यह रिटायरमेंट इन्वेस्टमेंट का भरोसेमंद विकल्प बन गया है। सरकार और PFRDA समय-समय पर इसके नियमों में बदलाव करते रहे हैं ताकि इसे अधिक सुरक्षित, टैक्स फ्रेंडली और निवेशकों की जरूरत के हिसाब से बेहतर बनाया जा सके।

100% इक्विटी में निवेश की छूट

अभी तक NPS में इक्विटी निवेश की अधिकतम सीमा 75% थी। लेकिन 1 अक्टूबर 2025 से नॉन-गवर्नमेंट सब्सक्राइबर्स 100% पैसा शेयर बाजार में निवेश कर सकेंगे। दरअसल यह विकल्प उन निवेशकों के लिए फायदेमंद होगा जो लंबी अवधि तक निवेश बनाए रखना चाहते हैं और ज्यादा रिटर्न पाने के लिए बाजार के उतार-चढ़ाव का रिस्क लेने को तैयार हैं।

हालांकि ध्यान देने वाली बात है कि इक्विटी निवेश जहां लंबे समय में अच्छा मुनाफा देता है, वहीं इसमें जोखिम भी उतना ही ज्यादा होता है।

मल्टिपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF)

अब तक निवेशक एक PRAN (Permanent Retirement Account Number) पर केवल एक ही स्कीम में निवेश कर सकते थे। लेकिन नए नियम के तहत मल्टिपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) की शुरुआत होगी। इसके जरिए निवेशक एक ही PRAN पर अलग-अलग Central Record Keeping Agencies (CRAs) की स्कीम्स चुन सकेंगे।

इस बदलाव से निवेशकों को ज्यादा विकल्प और लचीलापन मिलेगा। इसके साथ पेंशन फंड मैनेजर्स निवेशक की उम्र, प्रोफेशन, जेंडर और रिस्क क्षमता के आधार पर नई स्कीमें पेश कर सकेंगे।

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निवेशक यहां पर लो, मीडियम और हाई रिस्क ऑप्शन में से निवेशक अपनी सुविधा के हिसाब से चुनाव कर पाएंगे। अब तक जो स्कीम मौजूद थी, उसे कॉमन स्कीम कहा जाएगा और MSF के तहत नई कस्टमाइज्ड स्कीमें उपलब्ध होंगी।

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