भारतीय पासपोर्ट (Indian Passport) सिर्फ यात्रा का साधन नहीं, बल्कि यह व्यक्ति की भारतीय नागरिकता और उसकी पहचान का एक प्रमाणपत्र होता है। यह दस्तावेज अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए जरुरी है और हर भारतीय नागरिक को विदेश यात्रा करने से पहले पासपोर्ट बनवाना होता है। अगर आपने कभी पासपोर्ट देखा है तो आपने ध्यान दिया होगा कि इसका रंग अलग-अलग हो सकता है। ज्यादातर लोगों के पास नीले रंग का पासपोर्ट होता है, लेकिन कुछ लोगों के पास सफेद या मैरून रंग का पासपोर्ट भी होता है। इन रंगों का अपना खास महत्व होता है, जो धारक की स्थिति और सरकारी जिम्मेदारियों से जुड़ा होता है।
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नीला पासपोर्ट (सामान्य पासपोर्ट)
नीले रंग का पासपोर्ट सबसे सामान्य प्रकार का पासपोर्ट है, जिसे आम भारतीय नागरिकों के लिए जारी किया जाता है। इसे ऑर्डिनरी पासपोर्ट या रेगुलर पासपोर्ट कहा जाता है। यह छात्र, पर्यटक, व्यवसायी या किसी भी सामान्य नागरिक के अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए उपयोग में लाया जाता है।
इस पासपोर्ट के दो तरह होते हैं, 36 पन्नों वाला और 60 पन्नों वाला। मौजूदा में जारी किए जा रहे पासपोर्ट ई-पासपोर्ट होते हैं, जिनमें एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होती है। इस चिप में धारक की बायोमेट्रिक जानकारी सुरक्षित रहती है, जिससे सुरक्षा और पहचान दोनों की पुष्टि आसानी से की जा सकती है। नीला पासपोर्ट धारक कुछ देशों में वीजा-मुक्त या वीजा-ऑन-अराइवल की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं, जो भारत की अंतरराष्ट्रीय समझौतों पर निर्भर करता है।
सफेद पासपोर्ट (सरकारी पासपोर्ट)
सफेद रंग का पासपोर्ट “ऑफिशियल पासपोर्ट” या “सर्विस पासपोर्ट” कहलाता है। यह भारत सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों को केवल सरकारी कामकाज के लिए जारी किया जाता है। ऐसे पासपोर्ट धारक किसी भी निजी यात्रा के लिए इस पासपोर्ट का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इस पर साफ तौर पर “Official Passport” अंकित होता है, जिससे इसे आसानी से पहचाना जा सके।
सफेद पासपोर्ट धारकों को कुछ देशों में वीजा छूट या खास सुविधाएं भी दी जाती हैं, ताकि वे सरकारी कार्यों को सहजता से पूरा कर सकें। यह पासपोर्ट सरकार के अधिकारिक प्रतिनिधियों की पहचान के रूप में भी कार्य करता है।
मैरून पासपोर्ट (डिप्लोमेटिक पासपोर्ट)
मैरून या लाल-भूरे रंग का पासपोर्ट “डिप्लोमेटिक पासपोर्ट” कहलाता है। यह सबसे प्रतिष्ठित और उच्च श्रेणी का पासपोर्ट होता है। इसे भारत के राजनयिकों, राजदूतों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, मंत्रियों, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे उच्चे पदों पर बैठे लोगों को जारी किया जाता है।
मैरून पासपोर्ट धारकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “डिप्लोमेटिक इम्यूनिटी” (राजनयिक छूट) मिलती है, जिससे उन्हें कुछ कानूनी औपचारिकताओं से मुक्त रखा जाता है। इस पासपोर्ट के धारक बिना वीजा के कई देशों में यात्रा कर सकते हैं, क्योंकि उनके पास विशेष राजनयिक अधिकार होते हैं।
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पासपोर्ट के रंगों का महत्व
भारत में पासपोर्ट के रंग सिर्फ दिखावे के लिए नहीं होते, बल्कि यह धारक की स्थिति, जिम्मेदारी और अंतरराष्ट्रीय अधिकारों को दर्शाते हैं। नीला पासपोर्ट आम नागरिकों के लिए होता है, सफेद सरकारी सेवा के लिए और मैरून डिप्लोमेटिक पदों के लिए। इन तीनों के माध्यम से भारत सरकार नागरिकों, अधिकारियों और राजनयिकों के अलग-अलग वर्गों को पहचानती है।