सरसों से लेकर सोयाबीन तक सभी तेलों में आई गिरावट, जानें क्या है कारण

भारत में फेस्टिव सीजन के बावजूद तेल-तिलहन बाजार में कारोबार सुस्त रहा। विदेशी मार्केट्स, खासकर मलेशिया एक्सचेंज में मजबूती के बावजूद घरेलू स्तर पर डिमांड कमजोर रही। बिजनेस सेंटिमेंट कमजोर होने की वजह से सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, पाम और बिनौला तेल-तिलहनों के दाम बीते हफ्ते गिरावट के साथ बंद हुए।

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विदेशी बाजार में मजबूती

मार्केट सूत्रों के अनुसार, मलेशिया एक्सचेंज में सट्टेबाजी के चलते पाम और पामोलीन तेल के दामों में तेजी दर्ज की गई। वहीं, भारत में सर्दी के मौसम की शुरुआत के कारण इन तेलों की डिमांड कम हो गई, क्योंकि ठंड में ये तेल जम जाते हैं। कम डिमांड का सीधा असर कीमतों पर पड़ा और घरेलू बाजार में गिरावट आई।

सरसों तेल महंगा

फेस्टिव सीजन के दौरान आमतौर पर रिफाइंड तेलों की खपत बढ़ती है, लेकिन इस बार सरसों तेल की कीमतें इम्पोर्टेड तेलों से कहीं ज्यादा रहीं। इसके चलते सरसों तेल की मांग उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ पाई। साथ ही, सरसों की बुवाई का समय करीब होने के कारण किसानों और स्टॉकिस्ट्स के पास बड़ा स्टॉक उपलब्ध है, जिससे बाजार में दबाव बना हुआ है।

स्टॉकिस्ट्स की सेलिंग से बिगड़ा मार्केट मूड

बीते हफ्ते सरसों तेल के थोक दामों में पिछले दो महीनों के मुकाबले 20-22 रुपये प्रति किलो की गिरावट देखी गई। हालांकि, रिटेल बाजार में इस गिरावट का असर बिल्कुल नहीं दिखा। थोक कीमतें घटने के बावजूद रिटेल दाम जस के तस बने हुए हैं, जो उपभोक्ताओं और बाजार विशेषज्ञों दोनों के लिए चिंता का विषय है।

सरकार ने बढ़ाई इम्पोर्ट ड्यूटी वैल्यू

बीते हफ्ते केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों की इम्पोर्ट ड्यूटी वैल्यू में बढ़ोतरी की। कच्चा पाम ऑयल (CPO) की वैल्यू 41 रुपये प्रति क्विंटल, पामोलीन की 107 रुपये प्रति क्विंटल और सोयाबीन डीगम तेल की 21 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाई गई। साथ ही रबी सीजन की तिलहन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में भी बढ़ोतरी की गई।

रुपये की कमजोरी और कमजोर एक्सपोर्ट डिमांड

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया बीते हफ्ते अपने सबसे निचले स्तरों पर पहुंच गया, जिससे इम्पोर्ट महंगा हो गया। वहीं, एक्सपोर्ट की कमजोर डिमांड ने मूंगफली और सोयाबीन तेल-तिलहन के दामों पर दबाव बढ़ा दिया। सोयाबीन तेल वर्तमान में सबसे सस्ता खाद्य तेल बना हुआ है।

बीते हफ्ते के प्रमुख भाव

सरसों दाना 50 रुपये घटकर 7,000-7,050 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल 400 रुपये घटकर 14,550 रुपये प्रति क्विंटल पहुंचा। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल 60-60 रुपये घटकर क्रमशः 2,455-2,555 रुपये और 2,455-2,590 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।

सोयाबीन दाना 4,575-4,625 रुपये और सोयाबीन लूज 4,275-4,375 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सोयाबीन दिल्ली तेल 13,350 रुपये, सोयाबीन इंदौर तेल 13,050 रुपये और सोयाबीन डीगम तेल 10,150 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया।

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मूंगफली तिलहन 5,300-5,675 रुपये प्रति क्विंटल और मूंगफली तेल गुजरात का भाव 12,900 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया। वहीं CPO 11,725 रुपये, पामोलीन दिल्ली 13,350 रुपये और पामोलीन एक्स कांडला 12,300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। बिनौला तेल भी 12,400 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया।

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