सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नेशनल हाईवे पर टोल वसूली से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब अगर आपके पास वैलिड और एक्टिव FASTag नहीं है तो आपको पहले की तुलना में कम पेनल्टी देनी होगी। मंत्रालय ने नई व्यवस्था के तहत बिना FASTag वाले वाहनों से ऑनलाइन भुगतान करने पर 1.25 गुना टोल शुल्क वसूलने का नियम तय किया है। पहले यह पेनल्टी दो गुना थी। नया नियम पूरे देश में 15 नवंबर 2025 से लागू होगा।
इसे भी पढ़ें- सिर्फ ₹6,999 में लॉन्च हुआ Samsung Galaxy F07, मिलेगा Android Update 2031 तक
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की दिशा में कदम
सरकार का यह कदम नकद लेनदेन को कम करने और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। नेशनल हाईवे पर अब FASTag न होने पर यदि आप कैश में भुगतान करते हैं, तो पहले की तरह दोगुना टोल देना होगा। लेकिन अगर आप UPI, नेट बैंकिंग या किसी अन्य डिजिटल माध्यम से टोल का भुगतान करते हैं, तो केवल 1.25 गुना शुल्क देना होगा।
उदाहरण के लिए, अगर किसी FASTag वाले वाहन का टोल 100 रुपये है, तो बिना FASTag के कैश पेमेंट करने पर यह राशि 200 रुपये होती है। मगर अब डिजिटल पेमेंट करने वालों को केवल 125 रुपये ही देने होंगे। इससे यात्रियों को 75 रुपये तक की बचत होगी।
भीड़ कम होगी और सफर होगा आसान
मंत्रालय ने 4 अक्टूबर 2025 को अधिसूचना जारी कर इस बदलाव की जानकारी दी। नए नियमों से टोल प्लाज़ा पर भीड़ कम होने की उम्मीद है, क्योंकि अधिक लोग डिजिटल माध्यम से भुगतान करेंगे। इससे न केवल यात्रा सुगम होगी, बल्कि समय की भी बचत होगी। मंत्रालय का कहना है कि यह बदलाव नेशनल हाईवे पर टोल कलेक्शन सिस्टम को और बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
पहले भी हुए हैं कई सुधार
इससे पहले भी सरकार ने यात्रियों की सुविधा के लिए कई अहम बदलाव किए हैं। 15 अगस्त 2025 से FASTag Annual Pass की सुविधा शुरू की गई थी। इस पास के तहत यात्री सालभर या अधिकतम 200 ट्रिप्स (जो पहले पूरी हो) तक टोल मुक्त यात्रा का लाभ ले सकते हैं। इस सुविधा के लिए 3000 रुपए का भुगतान करना होता है। हालांकि यह सुविधा अभी केवल नॉन-कमर्शियल वाहनों जैसे कार, जीप और वैन के लिए लागू है और सीमित हाईवे पर ही मान्य है।
इसे भी पढ़ें- शुभमन गिल को भारत के वनडे कप्तान बनाने पर नाखुश पूर्व भारतीय दिग्गज, रोहित शर्मा को लेकर दिया ऐसा बयान
नया सिस्टम बनाएगा हाईवे यात्रा को स्मार्ट
सरकार का लक्ष्य है कि भविष्य में पूरी टोल वसूली प्रक्रिया डिजिटल हो जाए। FASTag और ऑनलाइन भुगतान से नकद लेनदेन खत्म करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि फर्जीवाड़े की संभावनाएं भी कम होंगी।