mushroom cultivation. देश के रुरल एरिया में ऐसे कई कमाई के साधन है, जो लोगों को मालामाल कर रहे है, जिसमें से एक मसरुम की फार्मिगं भी है। हालांकि कम जानकारी होने के वजह से लोग इसे शुरु नहीं कर पाते है, कई निवेश और ट्रेनिंग की समास्या होती है। लेकिन अब ऐसा नहीं है, क्योंकि केंद्र और राज्य सरकारें लगातार प्रयास कर रही हैं। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने मशरूम की खेती को बढ़ावा देने का अभियान शुरू किया है, जिसका लाभ महिलाएं उठा सकती है।
दरअसल आप को बता राज्य में इस पहल का मकसद महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना और उन्हें अतिरिक्त आय का साधन उपलब्ध कराना है। Mushroom Farming से ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के दिशा में एक बड़ा कदम है।
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महिलाएं इन योजनाओं से ले रही प्रशिक्षण
केंद्र सरकार की कई योजनाओं के तहत अब ग्रामीण घरों की महिलाएं डिजिटल सखी और जीविका दीदी जैसे समूहों से जुड़कर आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। दरअसल आप को बता दें कि इन योजनाओं से महिलाएं न केवल प्रशिक्षण ले रही हैं बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं।
संचालित हो रहा सर्टिफिकेट कोर्स
तो वही सहरसा के कृषि विज्ञान केंद्र, अगवानपुर की वैज्ञानिक डॉ. सुनीता पासवान का कहना है कि महिलाओं को चार दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स के जरिए मशरूम उत्पादन सिखाया जाता है, इसमें फायदे और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग की जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में ‘डिजिटल सखी’ और ‘जीविका दीदी’ दोनों तरह की महिलाएं शामिल होती हैं।
सरकार दे रही अनुदानित दर पर किट
बिहार सरकार के उद्यान विभाग ने किसानों और महिलाओं को मशरूम की खेती को करने के लिए ऐसे कई सुविधाएं और अनुदान दे रही है, जिससे इस फॉर्मिग में किट और अन्य सुविधाएं अनुदानित दरों पर उपलब्ध कराई हैं। जिसकी जानकारी यहां पर दी गई है।
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पैडी और ऑयेस्टर मशरूम किट-कीमत 75 रुपये, जिस पर 67.50 रुपये का अनुदान।
बटन मशरूम किट-कीमत 90 रुपये, जिस पर 81 रुपये का अनुदान ।
बकेट मशरूम किट-कीमत 300 रुपये, जिस पर 270 रुपये का अनुदान।
इसके साथ किसानों को अनुदानित दर पर मशरूम हट बनाने की भी सुविधा दी जा रही है। जिससे मसरुम का उत्पादन करना आसान हो जाएगा। इस फॉर्मिंग को करने की इच्छा रखने वाले किसान संबंधित अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।