नई दिल्ली: पाकिस्तान क्रिकेट में एक बड़ा झटका लगा है। मोहम्मद रिजवान को अचानक पाकिस्तान की वनडे टीम की कप्तानी से हटा दिया गया। उनकी जगह शाहीन शाह अफरीदी को वनडे टीम का नया कप्तान नियुक्त किया गया है, जो साउथ अफ्रीका के खिलाफ आगामी सीरीज में टीम की कमान संभालेंगे। यह फैसला तब आया जब रिजवान ने कप्तानी में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद कुछ सिद्धांतों पर टिके रहने का रास्ता चुना।
करीब एक साल तक कप्तानी निभाने के दौरान रिजवान का रिकॉर्ड खराब नहीं था। हालांकि, टीम की प्रदर्शन से ज्यादा अहम कारण उनकी नैतिकता और सट्टेबाजी के खिलाफ रुख बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिजवान ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को स्पष्ट किया था कि वह किसी सट्टेबाजी कंपनी का प्रमोशन नहीं करेंगे। यही कारण माना जा रहा है कि उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया।
पीसीबी के सूत्रों का कहना है कि रिजवान सरोगेट सट्टेबाजी फर्मों के साथ बोर्ड के सहयोग के खिलाफ थे। उन्होंने अपनी कप्तानी के दौरान बोर्ड से साफ कहा कि वह इस तरह की कंपनियों को प्रमोट नहीं करेंगे। यह पहल पाकिस्तान क्रिकेट में कप्तानों की अदला-बदली की परंपरा को देखते हुए भी चर्चा का विषय बन गई।
रिजवान का यह रवैया नए नहीं है। इस साल की शुरुआत में उन्होंने कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL) में सेंट किट्स एंड नेविस पैट्रियट्स की ओर से खेलते हुए एक सट्टेबाजी कंपनी की जर्सी पहनने से इनकार कर दिया था। उन्होंने मुख्य स्पॉन्सर की ब्रांडिंग वाले जर्सी के बजाय संशोधित जर्सी पहनकर खेला। उनकी यह कट्टर धार्मिक आस्था और नैतिकता का परिचायक भी माना गया।
रिजवान एक ऐसे कप्तान हैं जो इस्लामिक सिद्धांतों का कड़ाई से पालन करते हैं। वे पराई महिलाओं से हाथ तक नहीं मिलाते और सट्टेबाजी से जुड़े प्रमोशन को भी नहीं अपनाते। यही कारण है कि बोर्ड के दबाव और नैतिकता के बीच संतुलन बनाने की उनकी कोशिश ने कप्तानी खोने में अहम भूमिका निभाई।
पाकिस्तान क्रिकेट में कप्तानी का बदलाव नई बात नहीं है, लेकिन रिजवान का मामला इस बार इसलिए खास बन गया क्योंकि यह सिर्फ खेल प्रदर्शन पर आधारित नहीं है। नैतिकता और सट्टेबाजी विरोध के कारण ही रिजवान को कप्तानी से हटा दिया गया।