NPS स्कीम को लेकर बड़ा बदलाव, अब मिलेगा लाभ ही लाभ, जानें डिटेल

पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को लेकर ऐतिहासिक सुधारों की घोषणा की है। इस फैसले से गैर-सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों, कॉर्पोरेट वर्कर्स, स्व-नियोजित पेशेवरों और डिजिटल अर्थव्यवस्था के श्रमिकों को अपनी पेंशन योजना को अधिक लचीला और व्यक्तिगत बनाने का अवसर मिलेगा।

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अब ग्राहक-विशिष्ट योजनाओं का लाभ

NPS Scheme

PFRDA के नए नियमों के तहत पहली बार पेंशन फंड्स को अनुमति दी गई है कि वे ग्राहक-विशिष्ट योजनाएं डिजाइन कर सकें। इसका सीधा फायदा उन कर्मचारियों और पेशेवरों को होगा जिन्हें पारंपरिक तौर पर नियोक्ता-समर्थित सेवानिवृत्ति लाभ नहीं मिल पाते।

100% इक्विटी निवेश की सुविधा

16 सितंबर 2025 को जारी सर्कुलर के अनुसार, नई स्कीम में निवेशकों को दो विकल्प दिए जाएंगे। पहला मध्यम-जोखिम वाला और दूसरा उच्च-जोखिम वाला। यदि निवेशक उच्च-जोखिम वाला विकल्प चुनते हैं तो उन्हें 100% तक का निवेश इक्विटी में करने की अनुमति होगी। इससे सब्सक्राइबर्स को अधिक रिटर्न कमाने का अवसर मिलेगा। वहीं, जोखिम से बचने वाले निवेशकों के लिए कम-जोखिम वाला विकल्प भी उपलब्ध रहेगा।

टियर I और टियर II दोनों में उपलब्ध

नई योजना मौजूदा और नए दोनों प्रकार के सब्सक्राइबर्स के लिए लागू होगी। यह NPS के टियर I (सेवानिवृत्ति-केंद्रित) और टियर II (स्वैच्छिक बचत) खातों पर समान रूप से लागू रहेगी। इस ढांचे में वेस्टिंग अवधि को वैकल्पिक रखा गया है ताकि निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार निर्णय ले सकें।

1 अक्टूबर से होगा लागू

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यह सुधार पीएफआरडीए के मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) का हिस्सा है, जो 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगा। इस बदलाव का उद्देश्य एनपीएस को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना और निवेशकों को अधिक लचीलापन प्रदान करना है। अब तक इक्विटी निवेश पर कड़ी सीमाएं थीं, लेकिन नए नियम निवेशकों को अपनी आय और जोखिम क्षमता के अनुसार विकल्प चुनने की आज़ादी देंगे।

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कॉर्पोरेट और डिजिटल वर्कर्स को फायदा

कॉर्पोरेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए यह योजना इसलिए फायदेमंद होगी क्योंकि इसमें नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के योगदान को और अधिक प्रभावी ढंग से जोड़ा जा सकेगा। वहीं स्व-नियोजित और डिजिटल वर्कर्स के लिए, जिनके पास नियोक्ता-आधारित रिटायरमेंट बेनिफिट्स की सुविधा नहीं होती, यह एक सुरक्षित भविष्य की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।

शुल्क

सर्कुलर के अनुसार, इस नई योजना से जुड़े पेंशन फंड प्रति वर्ष एयूएम (Assets Under Management) का अधिकतम 0.3% तक शुल्क वसूल सकते हैं। इसमें फंड मैनेजमेंट फीस (IMF), POP को वितरण शुल्क और जागरूकता शुल्क शामिल होंगे।

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