Tax Rules For Credit Card: दोस्त की मदद करनी पड़ेगी भारी, क्रेडिट कार्ड से ट्रांजैक्शन पर आ सकता है IT का नोटिस

Tax Rules For Credit Card: आज कल लोग भाई चारा निभाने के लिए दोस्त की मदद कर देते हैं, जैसे फ्लाइट बुक करना, ऑनलाइन शॉपिंग करनी हो या फिर होटल पेमेंट, दोस्तों को अपना क्रेडिट कार्ड दे देते हैं। इसके बाद दोस्त यूपीआई की मदद से पैसे वापस कर देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करना इनकम टैक्स विभाग की नजर में आ जाता है। अगर आप बार-बार अपने कार्ड का इस्तेमाल दोस्त के खर्ते के लिए कर रहे है तो इनको ट्राजैक्शन की तरह देखा जा सकता है। खातौर पर जब रकम बड़ी हो या फिर ट्रांजैक्शन बार-बार हो रहा हो तो इनकम टैक्स विभाग पूछताछ कर सकता है ये पैसा क्यों आ रहा है और क्या इससे इनकम हो रही है।

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मान लें राहुल ने अपने दोस्त अजय के लिए क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन तरीके से 75000 रुपए का लैपटॉप खरीदा हैं अजय ने अगले दिन राहुल को यूपीआई से 75000 रुपए ट्रांसफर कर दिए हैं। अगर ऐसा एक-दो बार होता है तो समस्या नहीं है लेकिन ऐसा बार-बार होता है तो इनकम टैक्स विभाग इसे इनकम के तौर पर मानेगा। ऐसे में क्या करना चाहिए, चलिए जानते हैं।

क्या कहता है नियम

बता दें अगर आपने एक फाइनेंशियल ईयर में 10 लाख या फिर उससे ज्यादा क्रेडिट कार्ड पर खर्च किए हैं तो बैंक को इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देनी होगी। इसमें 1 लाख रुपए से ज्यादा में क्रेडिट कार्ड बिल भरने पर भी शक के दायरे में आ सकत हैं। अगर आपका दोस्त कैश में पैसा देता है या बिना किसी कागजात के ट्रांसफर करता है तो आपको पेनाल्टी लग सकती है। ऐसे में आपको जुर्माना देना पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि ट्रांजैक्शन यूपीआई से हो।

जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

टैक्स एक्सपर्ट के मुताबिक, occasional favor यानि कि कभी-कभी मदद करने पर कोई टैक्स इंप्लिकेशन नहीं होता है। लेकिन अगर ये आदत बन जाए या रकम बड़ी हो, तो इनकम टैक्स विभाग इस पर गौर कर सकता है।

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इससे कैसे बचें

वहीं इससे बचने के लिए हर एक ट्रांजैक्शन का बैंकिंग रिकॉर्ड रखें। इसके बाद नकद लेन-देन के लिए बचें, केवल यूपीआई या बैंक ट्रांसफर करें। वहीं बार-बार ऐसा बिल्कुल न करें, वरना ये बिजनेस एक्टिविटी में गिना जा सकता है। अगर रकम ज्यादा बड़ी है तो लिखित सहमति या एग्रीमेंट बना लें।

 

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