Income Tax. अगर आप आयकर के दायरे में आते है, तो इनकम टैक्स विभाग ने बड़ी जानकारी है। अगर आपको सिस्टम की गलती की वजह से अतिरिक्त टैक्स का डिमांड नोटिस मिला है, तो अब आपके पास बिना ब्याज के बकाया चुकाने का मौका है। सीबीडीटी (CBDT) ने साफ किया है कि अगर यह भुगतान 31 दिसंबर 2025 तक कर दिया जाता है, तो किसी भी तरह का ब्याज नहीं लिया जाएगा।
इनकम टैक्स विभाग ने छोटे करदाताओं के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। जिससे यह अपडेट हर किसी को जानना चाहिए। हालांकि इन डेट्स से पहले यह काम कर लें, वरना बाद में परेशानी बढ़ सकती है।
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क्या थी असली समस्या?
आयकर कानून की धारा 87A के तहत 7 लाख रुपये तक की टैक्स योग्य आय पर छूट मिलती है। इसका मतलब यह हुआ कि इस स्लैब में आने वाले लोगों को टैक्स नहीं देना पड़ता या उनका टैक्स बेहद कम होता है। लेकिन यह छूट केवल सामान्य आय (जैसे सैलरी या बिज़नेस इनकम) पर लागू होती है। शेयर बाज़ार से हुए कैपिटल गेन या लॉटरी जैसी विशेष आय पर यह राहत नहीं मिलती।
तकनीकी गड़बड़ी के चलते कुछ करदाताओं को यह छूट गलत तरीके से मिल गई। नतीजतन, बाद में जब सिस्टम अपडेट हुआ तो इन लोगों पर अचानक टैक्स का नया डिमांड आ गया। कई मामलों में पहले जो रिफंड मिल चुका था, अब उसकी वापसी मांगी जाने लगी।
क्या कहता है नया नियम?
CBDT ने करदाताओं की परेशानी को देखते हुए धारा 220(2) के तहत लगने वाले ब्याज से फिलहाल छूट देने का निर्णय लिया है। सामान्य तौर पर टैक्स डिमांड नोटिस आने के 30 दिन बाद भुगतान न करने पर ब्याज लगना शुरू हो जाता है। लेकिन इस मामले में यह ब्याज 31 दिसंबर 2025 तक माफ कर दिया गया है।
क्यों जरूरी था यह कदम?
छोटे करदाता अचानक आए इस टैक्स डिमांड से परेशान हो गए थे। जिन्हें लग रहा था कि उनका टैक्स पूरी तरह निपट चुका है, वे नई डिमांड से तनाव में आ गए। इस कदम से अब वे बिना अतिरिक्त बोझ के बकाया चुका सकते हैं। ऐसे में सरकार का मानना है कि यह राहत न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ाएगी बल्कि करदाताओं का विश्वास भी बनाए रखेगी।