क्रिप्टोकरेंसी में करने जा रहे हैं निवेश, तो यहां जानें जरूरी बातें

पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी का नाम हर तरफ सुनाई देने लगा है। बिटकॉइन की कीमतों का आसमान छूना हो या Pi Network का ओपन मेननेट लॉन्च करना, हर वजह से यह चर्चा में बनी रहती है। भारत में भी बड़ी संख्या में लोग क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना चाहते हैं, लेकिन उनके मन में कई सवाल रहते हैं कि यह क्या है, कैसे खरीदी जा सकती है और इसकी सुरक्षा कितनी है। आइए आसान भाषा में सभी सवालों के जवाब समझते हैं।

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क्या है क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है, जिसे हम संक्षेप में क्रिप्टो भी कहते हैं। यह किसी फिजिकल नोट या सिक्के की तरह हाथ में पकड़ने वाली मुद्रा नहीं होती। इसमें लेन-देन की सुरक्षा और गुप्तता के लिए क्रिप्टोग्राफी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।

ब्लॉकचेन तकनीक क्या है

क्रिप्टोकरेंसी का आधार ब्लॉकचेन है। इसे समझने के लिए मान लीजिए कि जैसे एक बड़ी बही-खाता किताब होती है जिसमें हर लेन-देन का हिसाब दर्ज होता है। ठीक उसी तरह ब्लॉकचेन एक डिजिटल पब्लिक लेजर है जिसमें दुनिया भर के सभी ट्रांजेक्शन सुरक्षित तरीके से दर्ज रहते हैं।

क्रिप्टो वॉलेट और इसके प्रकार

क्रिप्टो को सुरक्षित रखने के लिए वॉलेट का इस्तेमाल किया जाता है। यह दो प्रकार के होते हैं – ऑनलाइन (सॉफ्टवेयर वॉलेट) और ऑफलाइन (हार्डवेयर वॉलेट)। ऑनलाइन वॉलेट इस्तेमाल में आसान होता है लेकिन इसमें साइबर अटैक का रिस्क ज्यादा होता है। वहीं ऑफलाइन हार्डवेयर वॉलेट ज्यादा सुरक्षित माना जाता है क्योंकि यह इंटरनेट से डिस्कनेक्ट रहता है।

बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी में अंतर

कई लोग बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को एक ही मान लेते हैं, जबकि यह गलत है। बिटकॉइन सिर्फ एक प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी है। इसके अलावा Ethereum, Solana, Dogecoin जैसी हजारों करेंसी मौजूद हैं।

भारत में क्रिप्टो की स्थिति

भारत में क्रिप्टो पर बैन नहीं है, लेकिन इसे रेगुलेट किया गया है। सरकार ने इसके लिए टैक्स और TDS के नियम लागू किए हैं। यानी क्रिप्टो को खरीदा-बेचा जा सकता है, लेकिन इसके लेन-देन पर टैक्स भरना अनिवार्य है।

भारत में क्रिप्टो कैसे खरीदें

भारत में क्रिप्टो खरीदने के लिए सबसे पहले एक भरोसेमंद एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर अकाउंट खोलना होता है। इसके बाद आप छोटे अमाउंट से निवेश शुरू कर सकते हैं। कई प्लेटफॉर्म्स पर आप 100 रुपये या उससे भी कम राशि से क्रिप्टो खरीद सकते हैं।

क्रिप्टो कितनी सुरक्षित है

तकनीकी रूप से ब्लॉकचेन काफी सुरक्षित है और इसमें डेटा में बदलाव करना बेहद कठिन होता है। लेकिन प्रैक्टिकल तौर पर क्रिप्टो में हैकिंग, फिशिंग, स्कैम और प्राइस वोलैटिलिटी जैसी समस्याओं का रिस्क हमेशा बना रहता है।

क्रिप्टो टैक्सेशन

भारत में क्रिप्टो से हुई कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स और 1 प्रतिशत TDS लागू है। इसका मतलब है कि अगर आप क्रिप्टो से मुनाफा कमाते हैं तो आपको सीधे टैक्स चुकाना होगा।

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स्कैम से कैसे बचें

क्रिप्टो में निवेश करने से पहले यह जरूरी है कि आप किसी भी गारंटीड रिटर्न वाले ऑफर, फेक वेबसाइट या पोंजी स्कीम से दूर रहें। हमेशा रेगुलेटेड और भरोसेमंद एक्सचेंज का ही इस्तेमाल करें।

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