हाल ही में एथेनॉल ब्लेंडेड फ्यूल यानी E20 पेट्रोल को लेकर गाड़ी मालिकों और विशेषज्ञों के बीच गहन बहस छिड़ गई थी। कई पुराने वाहन मालिकों ने शिकायत की कि इस ईंधन के उपयोग से उनकी गाड़ियों की परफॉर्मेंस और माइलेज पर असर पड़ा है। सरकार ने भी यह स्वीकार किया कि पुराने वाहनों में इसका हल्का प्रभाव देखने को मिल सकता है। इसके अलावा कार मालिकों की सबसे बड़ी चिंता यह थी कि यदि इस फ्यूल से इंजन को नुकसान होता है तो क्या कंपनी वारंटी कवरेज से इंकार कर देगी। इसी सवाल पर महिंद्रा ने अब अपना आधिकारिक बयान जारी कर दिया है।
इसे भी पढ़ें- महिंद्रा स्कॉर्पियो और थार हुईं सस्ती, ग्राहकों को होगा 1.25 रुपये लाख तक का फायदा
कंपनी का आधिकारिक ऐलान
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने साफ कर दिया है कि कंपनी अपने सभी वाहनों के लिए E20 पेट्रोल के इस्तेमाल पर भी वारंटी कवरेज पूरी तरह से देगी। यानी अगर कोई ग्राहक अपनी कार में E20 फ्यूल भरता है तो उसे वारंटी संबंधी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। महिंद्रा ने ग्राहकों और डीलरों को एक एडवाइजरी जारी कर यह भी बताया कि उनके इंजन मौजूदा पेट्रोल मानकों के पूरी तरह अनुरूप तैयार किए गए हैं।
पुराने और नए वाहनों पर असर
कंपनी के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 के बाद बनाए गए सभी नए मॉडल खासतौर पर E20 फ्यूल के लिए कैलिब्रेटेड होंगे। इसका मतलब है कि इन वाहनों में एक्सेलरेशन और माइलेज बेहतर तरीके से काम करेंगे। वहीं 1 अप्रैल 2025 से पहले बने मॉडलों में हल्का बदलाव देखने को मिल सकता है, जैसे पिकअप में कमी या माइलेज पर असर। हालांकि यह बदलाव बहुत मामूली होगा और सुरक्षा पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ेगा।
वारंटी पर कवरेज
महिंद्रा ने यह भी दोहराया कि एक जिम्मेदार ओईएम (Original Equipment Manufacturer) होने के नाते वह सभी ग्राहकों की वारंटी प्रतिबद्धताओं को निभाएगी। कंपनी ने स्पष्ट किया कि E20 फ्यूल के चलते यदि कोई तकनीकी समस्या आती है, तो भी ग्राहकों को वारंटी से वंचित नहीं किया जाएगा। इससे पुराने वाहन मालिकों की सबसे बड़ी चिंता दूर हो गई है।
इसे भी पढ़ें- New Toyota Mini Fortuner 2025: कमाल की रेंज के साथ नए फीचर्स ओर सुरक्षा, कम कीमत में
भविष्य के लिए कंपनी की योजना
महिंद्रा का कहना है कि वह लंबे समय से वैकल्पिक ईंधन और खासकर बायोफ्यूल को लेकर सरकार की पहल का समर्थन करती आई है। कंपनी भविष्य में भी सस्टेनेबल ऑटोमोबाइल सॉल्यूशंस विकसित करने पर जोर देगी ताकि पर्यावरण और उपभोक्ता दोनों को लाभ मिल सके।