रिटायरमेंट से पहले ही जान लें अपना हक! ₹75,000 सैलरी पर कितनी मिलती है Gratuity Benefits

Gratuity Benefits calculator. अगर आप किसी कंपनी में लंबे समय से काम कर रहे हैं और रिटायरमेंट या नौकरी बदलने की सोच रहे हैं, तो “ग्रेच्युटी” शब्द जरूर सुना होगा। यह रकम आपकी सेवा के वर्षों का इनाम होती है, जो नियोक्ता आपको एकमुश्त रुप में देता है। हालांकि कई बार कर्मचारी को इसके बारे में कम जानकारी होती है, जिससे लाभ नहीं उठा पाते हैं। जिससे ₹75,000 सैलरी पर कितनी Gratuity Benefits मिलती है, यहां जानते हैं।

दरअसल आप को बता दें कि देश में लाखों कर्मचारी अपने हक के बारे में नहीं जानते हैं, जिससे ऐसे कॉडिशन लाभ पाना तो दूर की बात हो जाती है। जिससे अगर आपकी बेसिक सैलरी ₹75,000 रुपए है और आपने 10 साल तक सेवा दी है, तो आइए जानते हैं कि आपको कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी और इसका पूरा कैलकुलेशन कैसे होता है।

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ग्रेच्युटी क्या होती है?

ग्रेच्युटी एक रिटायरमेंट बेनिफिट है जो कंपनी अपने कर्मचारियों को उनकी लंबी सेवा के सम्मान में देती है। पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत, अगर किसी कर्मचारी ने एक ही कंपनी में कम से कम 5 साल लगातार काम किया है, तो वह इस लाभ का हकदार होता है। यह रकम रिटायरमेंट, रिज़ाइन, मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में दी जाती है।

अगर कर्मचारी की मृत्यु या विकलांगता हो जाए, तो 5 साल की शर्त माफ कर दी जाती है। कंपनियों को यह भुगतान 30 दिनों के भीतर करना होता है, वरना उन पर ब्याज देना पड़ सकता है।

 कैसे होती है ग्रेच्युटी की गणना?

ग्रेच्युटी निकालने का एक तय फॉर्मूला है।

ग्रेच्युटी = (15 × अंतिम वेतन × कुल सेवा वर्ष) / 26

यहां “अंतिम वेतन” का मतलब है बेसिक सैलरी + डीए (Dearness Allowance) का योग। तो वही यहां पर 26 से भाग इसलिए दिया जाता है क्योंकि महीने में औसतन 26 कार्य दिवस माने जाते हैं। अगर नौकरी की अवधि में कोई अधूरा साल 6 महीने से ज्यादा का है, तो उसे अगले पूरे साल की तरह गिना जाता है।

 ₹75,000 सैलरी पर 10 साल की नौकरी का कैलकुलेशन

अब समझिए आपके केस में यह कैलकुलेशन कैसे होगा।

  • बेसिक सैलरी (डीए के बिना) = ₹75,000
    सेवा अवधि = 10 वर्ष
  •  फॉर्मूला लगाएं:
    (15 × 75,000 × 10) / 26 = ₹4,32,692 (लगभग)
  • अगर आपकी सैलरी में डीए 20% यानी कुल ₹90,000 है, तो ग्रेच्युटी बनेगी।
    (15 × 90,000 × 10) / 26 = ₹5,19,231 (लगभग)

हालांकि, कानून के अनुसार अधिकतम ₹20 लाख तक की ग्रेच्युटी टैक्स-फ्री दी जा सकती है।

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कब और कैसे मिलेगी यह रकम?

ग्रेच्युटी की राशि रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने के बाद कंपनी द्वारा सीधे कर्मचारी को दी जाती है। यदि कंपनी ऐसा नहीं करती या देरी करती है, तो कर्मचारी लेबर डिपार्टमेंट में शिकायत कर सकता है। यह राशि पूरी तरह टैक्स फ्री होती है (₹20 लाख तक), इसलिए यह आपके लिए एक सुरक्षित रिटायरमेंट फंड बन जाती है।

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