₹70,000 सैलरी में 10 साल की नौकरी में बनेगी इतने लाख Gratuity, जरुर जानें अपना हक!

Gratuity. अगर आप किसी कंपनी में कई सालों से काम कर रहे हैं, तो अब वक्त है अपने हक को समझने का  ग्रेच्युटी (Gratuity)। यह सिर्फ एक रिटायरमेंट बेनेफिट नहीं, बल्कि आपकी लंबी और ईमानदार सेवा का इनाम है। कई लोग यह जानते ही नहीं कि वे ग्रेच्युटी पाने के हकदार हैं और घर बैठे इसका कैलकुलेशन भी कर सकते हैं। अगर आपकी बेसिक सैलरी ₹70,000 है और आपने 10 साल की सेवा पूरी की है, तो आप करीब ₹4 लाख से ज्यादा की ग्रेच्युटी के हकदार बन जाते है।

आप को बता दें कि ऐसे कई लोग होते हैं, जो अपने लाभ की जानकारी नहीं रखते है, जिससे आधिकार से वंचित रह जाते है। हालांकि आप को ऐसे खास जानकारी हम लेख के माध्यम से दे रहे हैं।

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जानिए ग्रेच्युटी क्या है और किसे मिलती है?

ग्रेच्युटी एक तरह की आर्थिक सुरक्षा है, जो कंपनी अपने कर्मचारियों को उनकी निरंतर सेवा के लिए देती है। ‘पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972’ के अनुसार, अगर कोई कर्मचारी किसी संस्था में कम से कम पांच साल लगातार काम करता है, तो वह ग्रेच्युटी का पात्र बन जाता है। यह रकम रिटायरमेंट, नौकरी छोड़ने, या आकस्मिक परिस्थितियों जैसे मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में दी जाती है।

खास बात यह है कि यदि किसी की मृत्यु या विकलांगता हो जाती है, तो पांच साल की सेवा की शर्त लागू नहीं होती।

कानून क्या कहता है?

सरकार ने ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा ₹20 लाख तय की है। यानी यदि कैलकुलेशन के अनुसार आपकी राशि इससे ज्यादा भी निकल रही हो, तो आपको अधिकतम ₹20 लाख ही मिलेंगे। कंपनी को ग्रेच्युटी का भुगतान 30 दिनों के भीतर करना जरूरी है, वरना उस पर लगभग 7% वार्षिक ब्याज देना पड़ सकता है। यह भुगतान पूरी तरह टैक्स फ्री होता है, जिससे यह रिटायरमेंट के समय एक मजबूत फंड के रूप में मदद करता है।

यहां जानिए पूरा कैलकुलेशन

ग्रेच्युटी की गणना एक तय फॉर्मूले के जरिए की जाती है-

फॉर्मूला:  (आखिरी वेतन × 15 × सेवा के वर्ष) ÷ 26

यहां “आखिरी वेतन” में आपकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) शामिल होते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹70,000 है और उसने 10 साल की सेवा दी है, तो ₹70,000 × 15 × 10 ÷ 26 = ₹4,03,846 (लगभग ₹4.04 लाख) नी 10 साल की ईमानदार सेवा पर आप करीब ₹4 लाख से अधिक की ग्रेच्युटी के अधिकारी बनते हैं।
(नोट: यह अनुमानित राशि है, कंपनी की पॉलिसी और वेतन संरचना के अनुसार थोड़ा अंतर हो सकता है।)

कब और कैसे मिलती है ग्रेच्युटी?

ग्रेच्युटी आमतौर पर तब मिलती है, जिसकी शर्तें यहां पर दी गईं है।

  • कर्मचारी रिटायर होता है (58 वर्ष या कंपनी की नीति के अनुसार)
  • रिजाइन करता है और पांच साल की सेवा पूरी कर चुका है
  • मृत्यु या विकलांगता के मामले में (बिना सेवा अवधि की शर्त के)
  • कंपनी को ग्रेच्युटी की रकम का भुगतान एक महीने के भीतर करना होता है। देरी की स्थिति में ब्याज जोड़कर देना अनिवार्य होता है।

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जरूरी जानना अपना हक?

कई कर्मचारी ग्रेच्युटी की जानकारी के अभाव में अपना हक नहीं मांगते और कंपनी की गलती से नुकसान झेलते हैं। यह रकम आपकी लाइफ की बड़ी सेविंग बन सकती है, खासकर रिटायरमेंट या नौकरी बदलने के बाद की जरूरतों के लिए।

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