सरकार का तोहफ़ा, अब बिना झंझट के खाते में पहुंचेगी पेंशन की रकम

सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन व्यवस्था को बेहद आसान बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री असीम अरुण ने जानकारी दी कि अब पेंशन पाने वालों को किसी भी प्रकार की औपचारिकता पूरी करने की जरूरत नहीं होगी। सरकार के पास पहले से ही उनके बैंक खातों और आधार कार्ड की डिटेल उपलब्ध है। आने वाले समय में पेंशन स्वतः ही लाभार्थी के खाते में पहुंच जाएगी। इस प्रक्रिया के लिए मसौदा तैयार हो चुका है और अब केवल कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है।

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जीवन प्रमाण पोर्टल नवंबर से शुरू

नवंबर 2025 से पेंशनधारकों को जीवित होने का प्रमाण देने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसके लिए जीवन प्रमाण नाम का एक डिजिटल पोर्टल शुरू किया जा रहा है। वरिष्ठ नागरिक स्मार्टफोन की मदद से घर बैठे अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे। जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है, वे नजदीकी जनसुविधा केंद्र पर जाकर यह काम कर पाएंगे। इससे हजारों वृद्धजन परेशानियों से मुक्त होंगे और उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।

वृद्धाश्रम को लेकर नई पहल

समाज कल्याण विभाग राज्य के 75 वृद्धाश्रमों का अनुबंध दोबारा करने जा रहा है। मंत्री असीम अरुण ने कहा कि यदि कोई इन वृद्धाश्रमों का संचालन करना चाहता है तो वह आवेदन कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वृद्धाश्रम में रहना किसी तरह की नकारात्मक बात नहीं है, बल्कि इसे समाज की एक सहायक व्यवस्था के रूप में देखा जाना चाहिए।

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भविष्य की योजना और भारत की युवा शक्ति

असीम अरुण ने कार्यक्रम में कहा कि भारत युवाओं का देश है और आने वाले दशकों के लिए योजनाएं अभी से तैयार करनी होंगी। शिक्षा और विकास पर जोर देना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अगले 25 से 30 सालों में भारत में भी जापान की तरह वृद्धजनों की संख्या बढ़ जाएगी। ऐसे में हमें वर्तमान और भविष्य दोनों को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनानी होंगी।

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