Gold Loan: पारंपरिक तौर पर लोग होम लोन या पर्सनल लोन की ओर झुकाव रखते थे, लेकिन मौजूदा हालात बदल चुके हैं। अब गोल्ड लोन सबसे आसान और सुलभ विकल्प बन गया है। ग्राहकों को बैंक एफडी या सोना गिरवी रखकर त्वरित कर्ज मिल जाता है। जानकारों के अनुसार, कई ग्राहक बार-बार गोल्ड पर लोन ले रहे हैं क्योंकि यह बिना ज्यादा पेपरवर्क और लंबी प्रक्रिया के आसानी से उपलब्ध हो जाता है।
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सोने की कीमतों में उछाल और गोल्ड लोन का असर
MCX के ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस वित्त वर्ष में सोने की कीमतों में 23% तक का उछाल आया है और यह 12 सितंबर को 109,390 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। जब सोने के दाम बढ़ते हैं, तो उधारकर्ताओं को उसी वजन के सोने पर ज्यादा लोन मिलता है। यही कारण है कि गोल्ड लोन की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।
गोल्ड लोन बनाम होम लोन
आंकड़े साफ दिखाते हैं कि गोल्ड लोन की डिमांड होम लोन से कहीं ज्यादा बढ़ी है। मार्च से अब तक गोल्ड लोन वितरण में 40.9% की वृद्धि हुई, जबकि सालाना आधार पर यह 122% तक पहुंच गई। इसके मुकाबले होम लोन में केवल 2.3% की तिमाही और 9.6% की सालाना बढ़त दर्ज की गई।
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बैंक और NBFC का मुकाबला
पहले गोल्ड लोन मुख्य रूप से NBFC देते थे, लेकिन अब सरकारी बैंक भी इस क्षेत्र में तेजी से आगे आ रहे हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे बड़े बैंक गोल्ड लोन के मामले में मजबूत पकड़ बना रहे हैं। हाल ही में रिजर्व बैंक ने लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेश्यो को 75% से बढ़ाकर 85% कर दिया है, जिससे ग्राहकों को ज्यादा लोन मिलने लगा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में गोल्ड लोन की डिमांड और भी तेजी से बढ़ेगी।