FD vs RD 2025. अगर आप इस दिवाली पर खुद को कमाई का तोहफा देना चाहते है, तो इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता है। लोगों को निवेश की कम जानकारी होती है, जिससे आप का काम आसान करते हुए फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) या रिकरिंग डिपॉज़िट (RD) में कौन विकल्प चुन सकते हैं, यह जानतें है। दोनों योजनाएं बैंक या पोस्ट ऑफिस के भरोसेमंद निवेश साधन हैं, जहाँ आपका पैसा सुरक्षित रहता है और आपको तय ब्याज मिलता है।
एक समय था जब लोग निवेश आंखें मूंदकर कर देते थे, अब ऐसा नहीं है, अपने पैसों को बचत को सुरक्षित तरीके निवेश करते हैं। फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) या रिकरिंग डिपॉज़िट (RD) में कौन सा निवेश ज़्यादा फायदेमंद है? आइए जानते हैं दोनों के फायदे, अंतर के बारे में विस्तार से।
फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) क्या है?
FD एकमुश्त निवेश का तरीका है, जहाँ आप एक बार में तय रकम बैंक में जमा करते हैं। यह रकम एक निश्चित अवधि (7 दिन से 10 साल तक) के लिए लॉक हो जाती है और तय ब्याज दर से बढ़ती है। अवधि पूरी होने पर आपको मूलधन के साथ ब्याज भी मिलता है।
FD में निवेश की खासियतें
- निश्चित रिटर्न: ब्याज दर तय होती है, इसलिए रिटर्न गारंटीड रहता है।
- कम जोखिम: FD बाजार की उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होती।
- लोन सुविधा: जरूरत पड़ने पर FD के बदले लोन लिया जा सकता है।
- टैक्स बेनिफिट: 5 साल की टैक्स-सेविंग FD पर सेक्शन 80C के तहत छूट मिलती है।
- लचीली ब्याज भुगतान सुविधा: ब्याज मासिक, तिमाही या मैच्योरिटी पर ले सकते हैं।
- हालांकि, समय से पहले FD तोड़ने पर पेनल्टी लगती है और ब्याज दर घट जाती है।
रिकरिंग डिपॉज़िट (RD) क्या है?
RD उन लोगों के लिए बेहतरीन विकल्प है जो हर महीने थोड़ी-थोड़ी बचत करना चाहते हैं। इसमें आप हर महीने एक तय राशि (₹500 से शुरू) जमा करते हैं, जो चुनी गई अवधि तक चलता है। अंत में पूरी राशि पर ब्याज जोड़कर एकमुश्त रकम मिलती है।
RD में खासियतें
- मासिक निवेश: हर महीने फिक्स रकम से बचत की आदत बनती है।
- सुरक्षित रिटर्न: ब्याज दर FD जैसी ही होती है।
- लचीली अवधि: 6 महीने से 10 साल तक की अवधि चुन सकते हैं।
- छोटे निवेशकों के लिए बेहतर: कम रकम से भी शुरुआत की जा सकती है।
- RD में भी समय से पहले रकम निकालने पर ब्याज कम मिलता है और पेनल्टी लग सकती है।
FD और RD में समानताएं
इन दोनों स्कीम में कुछ समानताएं भी है, जिससे दोनों ही सुरक्षित और जोखिम-मुक्त निवेश विकल्प हैं। दोनों में प्रीमैच्योर विदड्रॉअल पर पेनल्टी लगती है। दोनों योजनाओं पर मिलने वाला ब्याज टैक्स योग्य होता है। जरूरत पड़ने पर दोनों के बदले लोन लिया जा सकता है।
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पहलू | FD | RD |
---|---|---|
निवेश का तरीका | एकमुश्त राशि एक बार में जमा | हर महीने निश्चित राशि जमा |
रिटर्न | पूरे निवेश पर ब्याज एक साथ | हर महीने जमा पर ब्याज बढ़ता है |
निवेश की लचीलापन | बड़ी रकम वाले निवेशकों के लिए | नियमित आय वालों के लिए बेहतर |
ब्याज भुगतान | मासिक/तिमाही/मैच्योरिटी पर | केवल अवधि पूरी होने पर |
रिन्यूअल सुविधा | FD मैच्योर होने पर बढ़ाई जा सकती है | RD खत्म होने पर नई RD खोलनी पड़ती है |
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FD vs RD 2025: कहां करें निवेश
अगर आपके पास एकमुश्त रकम है और आप निश्चित रिटर्न चाहते हैं, तो FD आपके लिए बेहतर है। वहीं, अगर आप हर महीने बचत करके धीरे-धीरे एक फंड बनाना चाहते हैं, तो RD आपके लिए सही विकल्प है। दोनों ही योजनाएं सुरक्षित निवेश की श्रेणी में आती हैं फर्क सिर्फ निवेश के तरीके और आपके वित्तीय लक्ष्य में है।