भारत में ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर चलने वाली बड़ी फेस्टिव सेल के दौरान नकली iPhone का कारोबार तेज़ी से बढ़ रहा है। Flipkart और Amazon जैसी साइटों पर छूट मिलने के समय उपभोक्ता असली और नकली डिवाइस में फर्क नहीं कर पाते। रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह बाजार अब लाखों डॉलर का हो गया है और ग्राहकों के लिए नुकसान का कारण बन रहा है।
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IMEI और सीरियल नंबर से जांच करें
हर स्मार्टफोन का एक यूनिक IMEI नंबर होता है। असली iPhone में यह नंबर बॉक्स और फोन दोनों पर एक जैसा दर्ज होता है। यदि फोन के कीपैड पर *#06# डायल करने पर दिखा IMEI नंबर बॉक्स पर दिए नंबर से मेल नहीं खाता, तो यह डिवाइस नकली हो सकता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम की पहचान से मिलेगी सच्चाई
iPhone केवल Apple का खुद का ऑपरेटिंग सिस्टम iOS पर चलता है। नकली iPhone अक्सर Android के मॉडिफाइड वर्जन पर काम करते हैं जो देखने में iOS जैसा दिखता है। अगर आपके फोन का इंटरफेस अलग लगे या उसमें Android जैसी सेटिंग्स दिखाई दें, तो यह नकली होने का साफ संकेत है।
Apple वेबसाइट से करें असली की पहचान
Apple अपने ग्राहकों को डिवाइस की प्रामाणिकता जांचने की सुविधा देता है। इसके लिए Apple की आधिकारिक वेबसाइट पर Check Coverage पेज पर सीरियल नंबर डालकर डिवाइस की जानकारी ली जा सकती है। यदि सीरियल नंबर अमान्य है या मॉडल से मेल नहीं खाता, तो यह नकली iPhone है।
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बाहरी लुक और डिजाइन को ध्यान से देखें
हालांकि यह तरीका सबसे कम भरोसेमंद है, लेकिन असली iPhone का डिजाइन, मटेरियल और फिनिश हमेशा प्रीमियम होता है। अगर फोन का फ्रेम प्लास्टिक जैसा लगे, Apple लोगो हल्का धुंधला दिखाई दे या बटन ढीले लगें, तो यह नकली होने का संकेत है।