EPFO housing advance: देश में लाखों वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए ईपीएफ (EPF) न केवल सेवानिवृत्ति का सहारा है, बल्कि अब यह घर खरीदने का भी आसान जरिया बन गया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने हाल ही में जानकारी दी है कि कोई भी सदस्य अपने ईपीएफ खाते से एडवांस निकालकर प्लॉट, फ्लैट या तैयार मकान खरीद सकता है। यह सुविधा पूरी तरह से ऑनलाइन और सुरक्षित है।
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क्या हैं EPFO की शर्तें?

दिल्ली स्थित ईपीएफओ मुख्यालय के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-I आलोक यादव के अनुसार, कोई भी सदस्य जो कम से कम 5 साल से ईपीएफ में योगदान दे रहा है, वह इस सुविधा का लाभ उठा सकता है। इसके अलावा सदस्य के खाते में न्यूनतम 1000 रुपये का कर्मचारी अंशदान बैलेंस होना चाहिए।
महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस संपत्ति को खरीदा जा रहा है, वह या तो सदस्य के नाम पर, उसके जीवनसाथी के नाम पर या दोनों के संयुक्त नाम पर होनी चाहिए।
प्लॉट खरीदने पर कितना एडवांस मिलेगा?
अगर कोई सदस्य प्लॉट खरीदने की सोच रहा है तो वह अपने 24 माह के वेतन, अपने खाते में ब्याज सहित जमा कुल राशि या प्लॉट की कुल कीमत, इनमें से जो रकम सबसे कम होगी, उतना एडवांस निकाल सकता है। इसका मतलब यह है कि ईपीएफओ (EPFO) सदस्य को संतुलित और सुरक्षित निकासी की अनुमति देता है ताकि भविष्य की बचत पर असर न पड़े।
फ्लैट या मकान के लिए एडवांस की सीमा
फ्लैट या मकान की खरीद या निर्माण के लिए सदस्य 36 माह के वेतन, अपने खाते में ब्याज सहित जमा कुल रकम या मकान की कुल कीमत या निर्माण, लागत इनमें से जो भी सबसे कम होगी, उतनी रकम एडवांस के रूप में निकाल सकता है। यह रकम सीधे सदस्य के बैंक खाते में कुछ ही दिनों में ट्रांसफर हो जाती है।
एडवांस के लिए आवेदन का तरीका
ईपीएफओ ने यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल बना दी है, जिससे किसी दस्तावेज या प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होती।
सदस्य को उमंग ऐप खोलकर EPFO सर्विस चुननी होती है। इसके बाद ‘रेस क्लेम’ सेक्शन में जाकर UAN नंबर दर्ज करें और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए OTP से लॉगिन करें।
बैंक अकाउंट की पुष्टि करने के बाद, फॉर्म-31 चुनें और एडवांस का उद्देश्य बताएं। इसके बाद एडवांस राशि दर्ज करें, डिक्लेरेशन पर टिक करें और आधार से प्राप्त OTP डालकर सबमिट करें। आवेदन सफल होने के कुछ दिनों में राशि आपके बैंक खाते में आ जाती है।
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EPFO की सलाह

ईपीएफओ ने अपने सदस्यों को यह भी सलाह दी है कि ईपीएफ से पैसा तभी निकालें जब यह बिल्कुल जरूरी हो। क्योंकि यह फंड आपकी रिटायरमेंट सुरक्षा के लिए होता है। बार-बार निकासी करने से भविष्य में मिलने वाले ब्याज और बचत पर असर पड़ सकता है।
