EPF withdrawal Rules: कर्मचारियों के भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने हाल ही में अपने लाखों सब्सक्राइबर्स को चेतावनी दी है कि वे ईपीएफ में जमा धन का उपयोग केवल अधिकृत कार्यों में ही करें। अगर कोई सदस्य इस पैसे का दुरुपयोग करता है या इसे अनाधिकृत योजनाओं में लगाता है तो उस पर पेनाल्टी लगाई जा सकती है और कानूनी कार्रवाई भी संभव है।
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कब निकाल सकते हैं PF का पैसा
ईपीएफ स्कीम 1952 के अनुसार सदस्य को कुछ विशेष परिस्थितियों में ही आंशिक निकासी की इजाजत है। इसमें शादी, उच्च शिक्षा, गंभीर बीमारी का इलाज और घर बनाने या खरीदने की स्थिति शामिल है। इसके अलावा किसी अन्य कारण से पैसा निकालना नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। ईपीएफ का उद्देश्य रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है।
पूरा पैसा कब मिलता है
ईपीएफओ के अनुसार सदस्य को उसके खाते में जमा पूरा पैसा तभी मिलता है जब वह सेवानिवृत्त होता है। यदि कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ने के बाद दो महीने तक बेरोजगार रहता है तो भी वह पैसा निकाल सकता है। हालांकि, अगर पांच साल की नौकरी पूरी होने से पहले निकासी की जाती है तो उस पर टैक्स देना पड़ता है।
गलत इस्तेमाल पर कड़ी कार्रवाई
अगर कोई कर्मचारी ईपीएफ से पैसा निकालकर उसका गलत इस्तेमाल करता है तो यह दुरुपयोग माना जाएगा। उदाहरण के लिए यदि किसी ने घर बनाने के लिए पैसा निकाला लेकिन उसे किसी अन्य खर्च में लगा दिया तो ईपीएफओ उस पूरी राशि को ब्याज सहित वापस मांग सकता है। इसके साथ ही तीन साल तक नई निकासी पर रोक भी लग सकती है।
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रिटायरमेंट के बाद काम आता है EPF का पैसा
विशेषज्ञों के अनुसार ईपीएफ का असली उद्देश्य कर्मचारियों की रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यदि सदस्य समय से पहले पैसा निकालकर अन्य कार्यों में खर्च कर देता है तो रिटायरमेंट के समय उसे वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है। यही वजह है कि ईपीएफओ ने नियमों को सख्त बनाया है और दुरुपयोग पर पेनाल्टी का प्रावधान रखा है।