EPFO. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने करोड़ों सदस्यों के लिए एक बड़ा फैसला किया है। अब कर्मचारी अपनी पूरी पात्र पीएफ राशि (100%) निकाल सकेंगे, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान शामिल होगा। दरअसल नई दिल्ली में आयोजित केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की 238वीं बैठक में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, जिसका उद्देश्य है सदस्यों को अपने फंड तक आसान और तेज़ पहुंच दिलाना है।
आप को बता ऐसे कई जरुरी और अपडेट किए गए है, जो किसी पीएफ खाता धारकों को जानना चाहिए, जिससे नई सुविधा के बारे में जानकर लाभ उठा सकते हैं।
ये भी पढ़ें-चांदी या ETF बेचने पर सरकार को देना होता है इतना टैक्स, जानकर होगी हैरानी!
पहले क्या था नियम और अब क्या बदला?
पहले, कर्मचारी बेरोजगार होने पर 1 महीने बाद 75% और 2 महीने बाद बाकी 25% राशि निकाल सकता था। सेवानिवृत्ति के बाद ही पूरी राशि निकाली जा सकती थी। हालांकि अब EPFO ने इन शर्तों में ढील दी है। जिससे नए नियमों के तहत सदस्य, कुछ शर्तों के साथ, अपनी पूरी पीएफ राशि निकाल सकेंगे सिर्फ बेरोजगारी या सेवानिवृत्ति तक सीमित नहीं रहेगा यह विकल्प।
आसान हुए आंशिक निकासी के नियम
EPFO ने निकासी प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए पुरानी 13 अलग-अलग निकासी शर्तों को घटाकर सिर्फ 3 श्रेणियों में बांट दिया है जिससे पीएफ खाता धारक के लिए ज्यादा सहुलियत भरा होगा। आवश्यक आवश्यकताएँ (जैसे बीमारी, शिक्षा, विवाह), आवास आवश्यकताएँ, और विशेष परिस्थितियाँ।
अब सदस्य शिक्षा के लिए 10 बार और विवाह के लिए 5 बार तक निकासी कर सकते हैं। पहले, दोनों उद्देश्यों के लिए सिर्फ तीन संयुक्त बार निकासी की अनुमति थी।
इसके अलावा, सभी आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि भी घटाकर 12 महीने कर दी गई है।
ऐसे कॉडिशन में निकाल सकेंगे पैसा
पहले यदि सदस्य प्राकृतिक आपदा, महामारी, या बेरोजगारी जैसे कारणों से निकासी करते थे, तो उन्हें दस्तावेज़ और कारण देना पड़ता था। कई बार इन्हीं औपचारिकताओं की वजह से दावे खारिज हो जाते थे। अब नई व्यवस्था के तहत, ‘विशेष परिस्थितियों’ में कोई कारण बताए बिना भी निकासी की जा सकेगी। यह कदम दावा प्रक्रिया को तेज़ और सुविधाजनक बनाएगा।
ऐसे 25% राशि रहेगी सुरक्षित
EPFO ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सदस्य के योगदान का 25% हिस्सा खाते में सुरक्षित रहेगा। इस पर ब्याज मिलता रहेगा, जो फिलहाल 8.25% वार्षिक है। इसका उद्देश्य यह है कि सदस्य अपनी जरूरत के वक्त पैसा निकाल सकें, लेकिन सेवानिवृत्ति के लिए भी कुछ राशि बची रहे।
अब तेज़ होगा क्लेम निपटान
निकासी की प्रक्रिया को डिजिटल बनाने के लिए EPFO ने घोषणा की है कि आंशिक निकासी अब पूरी तरह पेपरलेस और ऑटोमेटेड होगी। इससे दावा निपटान में देरी कम होगी और सदस्यों को जल्दी भुगतान मिल सकेगा।
पेंशन निकासी और फंड सेटलमेंट पर अपडेट
नए नियमों के तहत, बेरोजगारी के दौरान अंतिम सेटलमेंट के लिए न्यूनतम प्रतीक्षा अवधि 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने कर दी गई है। वहीं, अंतिम पेंशन निकासी की समय सीमा अब 36 महीने कर दी गई है। इसका उद्देश्य तत्काल जरूरत और दीर्घकालिक सुरक्षा के बीच सही संतुलन बनाना है।
ये भी पढ़ें-नकद, वाउचर या गिफ्ट: जानिए Diwali Bonus पर कब देना पड़ता है टैक्स
‘विश्वास योजना’ और EPFO 3.0 की शुरुआत
इस बैठक में ‘विश्वास योजना’ की भी घोषणा की गई, जिसका मकसद है मुकदमेबाजी को कम करना और सदस्यों को राहत देना। इसका साथ ही घर-घर डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र सेवा और EPFO 3.0 के तहत संगठन के पूर्ण डिजिटलीकरण की दिशा में कदम बढ़ाया गया है।