वर्क फ्रॉम होम करने वालों के लिए मिल सकती है बिजली और इंटरनेट, जानें पूरी जानकारी

कोविड-19 महामारी के बाद वर्क फ्रॉम होम सिर्फ एक अस्थायी व्यवस्था नहीं रही, बल्कि अब यह कई पेशेवरों के लिए स्थायी कार्यशैली बन चुकी है। हालांकि, घर से काम करने वाले लोगों के सामने एक बड़ा सवाल यह है कि क्या उनके बिजली, इंटरनेट और अन्य घरेलू खर्चों पर टैक्स छूट मिल सकती है। भारत में अभी इसके लिए कोई अलग से टैक्स प्रावधान मौजूद नहीं है, लेकिन मौजूदा कानूनों और नियमों के तहत कई तरीकों से टैक्स राहत ली जा सकती है।

इसे भी पढ़ें- ITR Filing 2025: 15 सितंबर डेडलाइन मिस की तो लगेगा ₹5,000 जुर्माना, जानें पूरा नियम

स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ

भारत में हर सैलरी पाने वाले कर्मचारी को इनकम टैक्स कानून की धारा 16 (ia) के तहत 50,000 रुपये तक की स्टैंडर्ड डिडक्शन की सुविधा मिलती है। यह प्रावधान पुराने और नए दोनों टैक्स सिस्टम में लागू है। घर से काम करने वाले कर्मचारी बिजली, इंटरनेट और स्टेशनरी जैसे खर्चों को इसी दायरे में कवर कर सकते हैं।

इंटरनेट और टेलीफोन अलाउंस की छूट

कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को इंटरनेट या मोबाइल बिल का रीइंबर्समेंट देती हैं। टैक्स कानून के अनुसार, यदि यह खर्च ऑफिस कार्य से जुड़ा है और कंपनी असली बिल के आधार पर रीइंबर्समेंट करती है, तो यह पूरी तरह टैक्स फ्री माना जाएगा। लेकिन यदि कंपनी सिर्फ एक तय राशि हर महीने देती है बिना बिल मांगे, तो वह टैक्सेबल आय मानी जाती है।

फ्रीलांसर और कंसल्टेंट्स के लिए फायदे

फ्रीलांसर, यूट्यूबर, कंटेंट क्रिएटर या कंसल्टेंट जैसे सेल्फ-एम्प्लॉयड लोग अपने घर के एक हिस्से को ऑफिस मानकर खर्चों को बिजनेस खर्च के रूप में दिखा सकते हैं। इसमें बिजली, इंटरनेट, फर्नीचर, लैपटॉप और अन्य प्रोफेशनल खर्च शामिल हो सकते हैं। हालांकि इसके लिए पक्के बिल, रिकॉर्ड और जीएसटी नंबर (यदि लागू हो) का होना जरूरी है। सही डॉक्युमेंटेशन होने पर ऐसे खर्च ‘प्रॉफिट्स एंड गेन्स फ्रॉम बिजनेस ऑर प्रोफेशन’ के तहत टैक्स छूट दिला सकते हैं।

इसे भी पढ़ें- Maruti Baleno लेटेस्ट तकनीकी ओर दमदार पॉवर के साथ केवल 6 लाख की कीमत पर

ग्लोबल ट्रेंड और भारत में संभावनाएं

अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्क फ्रॉम होम करने वाले लोग अपने घर के उस हिस्से को टैक्स छूट के लिए दिखा सकते हैं, जिसे वे ऑफिस की तरह इस्तेमाल करते हैं। भारत में भी इस दिशा में विचार चल रहा है कि भविष्य में बिजली और इंटरनेट जैसे खर्चों को विशेष टैक्स राहत के दायरे में लाया जा सके।

Leave a Comment