आज के बिजनेस और पर्सनल फाइनेंस के मामले में चेक से लेन-देन किया जाता है, जिससे जाने- अनजाने में कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है जब चेक बाउंस हो जाता है। ऐसे में लोगों के पास सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि क्या इसका असर सीधे आपके सिबिल स्कोर (CIBIL Score) पर पड़ता है। इसकी जानकारी लोगों को जानकारी नहीं होती है, जिससे अक्सर कन्फ्यूज रहते हैं। यह महत्वपूर्ण जानकारी आप के लिए जानना बहुत ही जरुरी है।
बता दें कि लोगों का सिबिल स्कोर आपकी क्रेडिट प्रोफाइल की रिपोर्ट कार्ड की तरह है, इसलिए लोग इसको लेकर ज्यादा चिंतित रहते हैं। आइए जानते हैं चेक बाउंस होने पर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और फाइनेंशियल हेल्थ पर क्या फर्क पड़ सकता है।
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चेक बाउंस का सीधा असर
आमतौर लोग मानते हैं कि चेक बाउंस होते ही क्रेडिट स्कोर गिर जाता है। लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है। ज्यादातर मामलों में चेक बाउंस की जानकारी सीधे क्रेडिट ब्यूरो को नहीं दी जाती। बैंक और क्रेडिट ब्यूरो केवल आपके लोन और क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स की रिपोर्टिंग करते हैं। जिसकी जानकारी यहां पर अपडेट की जाती है और स्कोर कम या ज्यादा होता रहता है।
जिससे अगर कोई चेक केवल लेन-देन (Transaction) के लिए बाउंस हो गया, तो इसका असर आपके सिबिल स्कोर पर नहीं पड़ेगा। हालांकि आप के लिए जानना जरुरी यह है कि कब क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।
ऐसे बिगड़ सकता है सिबिल स्कोर?
आप के लिए ध्यान देने वाली बात यह है, कि चेक बाउंस का खतरा तब बढ़ जाता है जब यह किसी EMI, लोन रीपेमेंट या क्रेडिट कार्ड बिल से जुड़ा हो। ऐसी स्थिति में बैंक इसे तुरंत क्रेडिट ब्यूरो तक रिपोर्ट कर देता है। आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है।
इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति के खाते से बार-बार चेक बाउंस होते हैं, तो भले ही वे सिर्फ साधारण लेन-देन के लिए हों, बैंक उसे गैर-जिम्मेदार ग्राहक मान सकता है। जिससे आप को भविष्य में बैंक आपके लोन या क्रेडिट कार्ड आवेदन को रिजेक्ट कर सकती हैं।
अगर चेक बाउंस का मामला कोर्ट तक पहुंच जाए, तो आपकी वित्तीय विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो सकते हैं। भारतीय कानून के तहत चेक बाउंस एक गंभीर अपराध है और इसके लिए सज़ा व जुर्माने का प्रावधान है।
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चेक बाउंस रोकने के लिए रखें ये सावधानियां
- चेक जारी करने से पहले यह जरूर देखें कि अकाउंट में पर्याप्त धनराशि हो।
- अगर आपने चेक के जरिए किसी EMI या कार्ड बिल का भुगतान करना है, तो समय से पहले रकम खाते में डालें।
- बार-बार चेक बाउंस की स्थिति आपके और बैंक के रिश्ते को खराब कर सकती है, इसलिए इस आदत को गंभीरता से लें।