Diwali Bonus: खुशखबरी या टैक्स का झटका? जानिए कितना तक है बोनस टैक्स फ्री

Diwali Bonus. दिवाली पर जब ऑफिस से बोनस मिलता है तो चेहरे पर मुस्कान आ जाती है, लेकिन यह खुशी टैक्स के बोझ में भी बदल सकती है। क्योंकि आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, दिवाली बोनस आपकी इनकम का हिस्सा माना जाता है, और अगर यह एक तय सीमा से ज्यादा है तो इस पर टैक्स देना ही पड़ेगा।
कई लोगों को यह बात पता नहीं होती कि त्योहार के मौके पर मिलने वाला बोनस या गिफ्ट भी टैक्स फ्री नहीं होता, बल्कि यह आपकी सालाना सैलरी में जोड़ दिया जाता है।

अगर आप कहीं पर कंपनी में नौकरी कर रहे हैं, तो आप को जरुर त्यौहार पर खास तोहफा या बोनस मिलता होगा, जिससे कितने तक दिवाली बोनस टैक्स फ्री होता है, यह आप के लिए जानना जरुरी है।

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दिवाली बोनस पर टैक्स क्यों लगता है?

त्योहारों के समय कंपनियां अपने कर्मचारियों को इनाम या बोनस देती हैं, जो अक्सर “दिवाली बोनस” के नाम से दिया जाता है। लेकिन आयकर विभाग के मुताबिक, बोनस को ‘इनकम फ्रॉम सैलरी’ (Income from Salary) की कैटेगरी में गिना जाता है।

इसका मतलब यह है कि जितना बोनस आपको मिला है, वह आपकी सालाना सैलरी में जोड़ दिया जाएगा और उसी के हिसाब से टैक्स स्लैब लागू होगा। यानी अगर आप 30% टैक्स स्लैब में आते हैं, तो बोनस की रकम पर भी उतना ही टैक्स देना पड़ेगा।

कितने तक टैक्स फ्री है बोनस

अब बात करते हैं उस सवाल की जो सबसे ज्यादा पूछा जाता है क्या दिवाली पर मिलने वाला हर बोनस टैक्स फ्री होता है? तो जवाब है, नहीं। सरकार ने सिर्फ ₹5,000 तक के गिफ्ट या बोनस को टैक्स फ्री रखने की अनुमति दी है। अगर आपकी कंपनी आपको ₹5,000 से अधिक का बोनस या उपहार देती है, तो वह पूरी रकम टैक्स योग्य मानी जाएगी। यह गिफ्ट किसी भी रूप में हो जैसे- नकद, वाउचर, इलेक्ट्रॉनिक आइटम या ज्वेलरी, सब पर टैक्स देना होगा।

कौन से गिफ्ट टैक्स फ्री हैं, कौन से नहीं?

नियोक्ता द्वारा दिए गए छोटे-मोटे गिफ्ट जैसे मिठाई का डिब्बा, कपड़े या ₹5,000 तक का गैजेट टैक्स फ्री माने जाते हैं। लेकिन अगर आपको महंगा फोन, लैपटॉप, टीवी या गोल्ड ज्वेलरी दी गई है, तो उसकी कीमत आपकी आय में जोड़ दी जाएगी। इस पर भी वही टैक्स दर लागू होगी जो आपकी सैलरी पर लागू होती है। यानी जितना महंगा गिफ्ट, उतना ज्यादा टैक्स का झटका!

कैश बोनस पर क्या है नियम?

अगर आपको कंपनी से कैश बोनस मिलता है, तो वह सीधे आपकी सैलरी का हिस्सा बन जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आपको दिवाली पर ₹30,000 का बोनस मिला है, तो वह आपकी कुल आय में जोड़कर उसी स्लैब में टैक्स लगाया जाएगा।

कैश बोनस के लिए कोई अलग छूट नहीं है। इसलिए, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते समय बोनस की रकम का जिक्र करना जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करते, तो आगे चलकर टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस आ सकता है।

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क्या करें ताकि टैक्स का बोझ न बढ़े?

अगर आपका बोनस बड़ा है और आप टैक्स कम देना चाहते हैं, तो कुछ टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर सकते हैं। जैसे PPF, NPS, ELSS या LIC पॉलिसी। इन योजनाओं में निवेश करने से आपका टैक्स स्लैब कम हो सकता है और बोनस पर लगने वाला टैक्स भी घट जाएगा। यह आप का समझदारी भरा फैसला हो सकता है।

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