Business Idea: भारत में बढ़ा ये बिजनेस, बुजुर्गों को लेकर कमाएं बढ़ा मुनाफा

भारत में उम्रदराज लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जैसे-जैसे परिवार छोटे हो रहे हैं और युवा रोजगार के लिए शहरों या विदेशों की ओर जा रहे हैं, वैसे-वैसे बुजुर्गों के अकेले रहने की समस्या भी बढ़ रही है। इसी बदलते सामाजिक ढांचे के बीच एक नया बिजनेस मॉडल उभरकर सामने आया है। बुजुर्गों की देखभाल का व्यवसाय। यह मॉडल न सिर्फ सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आर्थिक रूप से भी काफी लाभदायक साबित हो रहा है।

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भारत में बुजुर्गों की आबादी में तेजी से बढ़ोतरी

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में फिलहाल करीब 41 प्रतिशत बुजुर्ग आबादी है, जो 2050 तक दोगुनी होकर देश की कुल जनसंख्या का लगभग 20 प्रतिशत हो जाएगी। यह आंकड़ा बताता है कि आने वाले वर्षों में बुजुर्गों की देखभाल की जरूरत और भी बढ़ेगी। ऐसे में यह सेक्टर न सिर्फ सामाजिक बल्कि व्यावसायिक दृष्टि से भी अपार संभावनाओं से भरा हुआ है।

कैसे शुरू करें बुजुर्गों की देखभाल का बिजनेस

आज के समय में कई परिवार अपने माता-पिता की देखभाल के लिए पेशेवर केयर असिस्टेंट्स को हायर कर रहे हैं। ये लोग घर जाकर दवाइयां देने, खाना बनाने, बातचीत करने और रोजमर्रा की जरूरतों का ध्यान रखने का काम करते हैं। शहरों में कई होम केयर सर्विस कंपनियां पहले से ही सक्रिय हैं, जो घंटे के हिसाब से 300 से 600 रुपये तक चार्ज करती हैं। अगर पूरे दिन की सेवा ली जाए तो यह खर्च 1000 रुपये तक पहुंच जाता है। वहीं, मासिक पैकेज 15,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक हो सकता है, जो सुविधाओं और शहर के हिसाब से तय होता है।

नर्सिंग होम और सीनियर लिविंग सेंटर की बढ़ती डिमांड

नर्सिंग होम या सीनियर लिविंग सेंटर अब बड़े शहरों में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। यहां बुजुर्गों को रहने, खाने, मेडिकल सहायता और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था मिलती है। इन सुविधाओं के लिए मासिक चार्ज 30,000 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक होता है। वहीं, मेडिकल इक्विपमेंट और सहायक उपकरणों जैसे व्हीलचेयर, वॉकर, या हेल्थ मॉनिटरिंग डिवाइस का बिजनेस भी तेजी से बढ़ रहा है। इन्हें खरीदने या किराए पर देने से भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

निवेश और कमाई का अनुमान

इस बिजनेस को शुरू करने के लिए शुरुआती निवेश 75,000 रुपये से 1.75 लाख रुपये तक हो सकता है। इसमें ऑफिस सेटअप, फर्नीचर, बेड, मेडिकल इक्विपमेंट, और एडवरटाइजमेंट का खर्च शामिल है। इसके अलावा, लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन भी जरूरी है। अगर आप सोशल मीडिया या लोकल अखबारों में प्रचार करते हैं, तो ग्राहकों तक पहुंचना आसान होगा। एक बार बिजनेस सेटअप हो जाए, तो महीने में 1 लाख रुपये या उससे अधिक की इनकम संभव है। खासकर मेट्रो शहरों में जहां बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ रही है, वहां इस बिजनेस की मांग लगातार बढ़ रही है।

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समाज सेवा और मुनाफे का बेहतरीन मेल

यह बिजनेस केवल कमाई का जरिया नहीं है, बल्कि समाज सेवा का भी माध्यम है। अगर आपके पास केयर या नर्सिंग का अनुभव है या आप इसके लिए ट्रेनिंग ले सकते हैं, तो यह क्षेत्र आपके लिए बेहतर अवसर बन सकता है। भारत जैसे देश में जहां परिवार का भावनात्मक जुड़ाव गहरा है, वहां बुजुर्गों की देखभाल से जुड़ा यह बिजनेस आने वाले वर्षों में और भी अधिक सफल होगा। यह क्षेत्र न सिर्फ आर्थिक रूप से स्थायी है बल्कि भावनात्मक रूप से भी संतोष देने वाला है।

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