Cultivation of Opium Poppy. खेती किसानी कर रहे लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने अफीम पोस्त की खेती के लाइसेंस संबंधी वार्षिक लाइसेंसिंग पॉलिसी की घोषणा कर दी है, जिससे ऐसे किसान जो इस खेती करने के इच्छुक हैं, जरुरी प्रोसेस में अगला कदम उठा सकते हैं। तो वही इस पॉलिसी के तहत मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसानों को लाइसेंस दिए जाएंगे। तो वही इसके तहत किसानों को 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे। किसानों को 5.9 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मार्फिन देना अनिवार्य होगा।
बता दें कि सरकार की यह पॉलिसी अक्टूबर, 2025 से 30 सितंबर, 2026 फसल वर्ष के दौरान जारी रहेगी। अफीम फसल वर्ष 1 अक्टूबर, 2025 से 30 सितंबर, 2026 तक चलता है। इस नीति में बताया गया है कि वर्ष 2026-27 में अफीम पोस्त की खेती का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए भी यही शर्त लागू होगी। अगर किसान निर्धारित मात्रा में मार्फिन नहीं देंगे तो उन्हें अगले वर्ष पट्टा लेने की पात्रता नहीं मिलेगी।
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1.21 लाख जारी होगें लाइसेंस
दरअसल आप को बता दें कि सामने आई जानकारी में बताया गया है कि सरकार इस बार लगभग 1.21 लाख किसानों को लाइसेंस देने जा रही है, जिससे 2025 में किसान लाइसेंस में 23.5% की बढ़ोतरी की गई है। इन तीन राज्यों में पिछले फसल वर्ष के मुकाबले 15,000 अतिरिक्त किसानों को शामिल किया गया है।
चिकित्सा जरूरत के चलते बढ़ाया जा रहा है उत्पादन
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वार्षिक लाइसेंस नीति की खासियतें
तो वही मौजूदा अफीम गोंद उत्पादकों को बनाए रखना जिन्होंने प्रति हेक्टेयर 4.2 किलोग्राम या उससे अधिक औसत मॉर्फिन उपज (MQY-M) हासिल की है।
इसके साथ ही 3.0 किलोग्राम से 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के बीच मॉर्फिन उपज वाले मौजूदा अफीम गोंद उत्पादक किसान अब 5 साल की लाइसेंस वैधता के साथ, पोस्ता भूसा सांद्रण (CPS) विधि के तहत चीरा लगाए बिना पोस्ता भूसे की खेती करने के पात्र है।