सुभाष राज, स्वतंत्र पत्रकार, 25 मई 2025: दक्षिण एशिया की राजनीति में एक नया मोड़ आ रहा है, जहां प्राकृतिक संसाधन न सिर्फ अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक शक्तियों के बीच संतुलन भी बदल रहे हैं। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हाल ही मिले रेयर अर्थ मिनरल्स के विशाल भंडार भी अमेरिका को न सिर्फ ललचा रहे हैं बल्कि इसके लिए वह चीन के मुकाबले भारत को खड़े करने की रणनीति को भी छोड़ने को तैयार दिख रहा है। अगर ऐसा हुआ तो दक्षिण पूर्व एशिया के शक्ति संतुलन में होने वाला परिवर्तन इस क्षेत्र को फिर से उसी अनिश्चतता की गोद में ले जाएगा जिससे भारत ने पिछले एक दशक से ही मुक्ति पाई है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मिले रेयर अर्थ मिनरल्स ऐसी दुर्लभ धातु है, जो आधुनिक तकनीक की रीढ़ होने के साथ ही इस धातु पर चीन के एकाधिकार से उत्पन्न चिंता से भी विश्व को निजात दिला सकती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह खजाना पाकिस्तान को आर्थिक मंदी से उबार सकता है, लेकिन क्षेत्रीय तनावों को नई ऊंचाई भी दे सकता है।
असल में रेयर अर्थ मिनरल्स 17 दुर्लभ धातुओं का ऐसा समूह है जिसके बिना हाई-टेक तकनीक जैसे स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहन, विंड टर्बाइन और यहां तक कि मिसाइल सिस्टम की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। वैश्विक बाजार में इस दुर्लभ धातु समूह की आपूर्ति 90 प्रतिशत तक चीन के हाथों में है और इसी वजह से चीन ने इसे दबाव का हथियार बना लिया है।
अर्थात चीन जब भी किसी देश से नाराज होता है तो यह इस धातु समूह की आपूर्ति रोक देता है। चीन की इस रणनीति का सामने पहले भारत कर चुका है और अब अमेरिका को भी इसी वजह से टैरिफ वार में चीन के आगे लगभग झुकना पड़ा है। ऐसे में पाकिस्तान का यह नया खजाना उसके लिए न सिर्फ आर्थिक अवसर लाएगा बल्कि वह वैश्विक सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बनकर उभर सकता है।
ये धातु समूह बलूचिस्तान के चगाई जिले के रेको डिक इलाके मिले हैं।भूवैज्ञानिक सर्वेक्षणों से पता चला है कि इस क्षेत्र में सोने, तांबे और अन्य धातुओं के अलावा रेयर अर्थ एलिमेंट्स के विशाल भंडार छिपे हैं। जिनकी अनुमानित की छह से आठ ट्रिलियन डॉलर आंकी जा रही है।
पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व का मानना है कि अगले साल से ही रेको डिक से सालाना दो अरब डॉलर की कमाई शुरू हो जाएगी, जो धीरे-धीरे बढ़ती जाएगी। पांच से दस सालों में यह पाकिस्तान को विकसित अर्थव्यवस्थाओं की कतार में खड़ा करके उसे कर्ज के बोझ से पूरी तरह मुक्ति दिला सकता है।
इस धातु समूह यानि रेयर अर्थ मिनरल्स की खोज के सामने आते ही अंतरराष्ट्रीय निवेशक इस पर कब्जे के लिए आतुर हो चुके हैं। पिछले माह यानि अप्रैल 2025 में इस्लामाबाद में आयोजित पाकिस्तान मिनरल्स इन्वेस्टमेंट फोरम में सऊदी अरब, चीन, अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
सबकी नजर रेको डिक पर थी। कनाडाई कंपनी बैरिक गोल्ड ने यहां 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सात अरब डॉलर का निवेश किया है। इससे पहले मार्च 2024 में इस परियोजना पर उच्च स्तरीय चर्चाएं हुई थीं और अब काम जोरों पर है। विदेशी इंजीनियरों की टीमें मौके पर तैनात हैं, अदालती विवाद सुलझ चुके हैं।
इस बीच, अमेरिका भी मई में बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित करके इस धातु को हासिल करने की दौड़ में शामिल हो गया है। वैसे भी ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के अमेरिका से रिश्ते अप्रत्याशित रूप से मजबूत हुए हैं। वैसे भी ये अमेरिका के लिए सिर्फ निवेश का सौदा नहीं—रणनीतिक जरूरत है। चीन पर निर्भरता कम करने के लिए वह वैकल्पिक स्रोत तलाश रहा है।
रेयर अर्थ मिनरल्स के जरिए अमेरिका से नजदीकी हासिल करने वाले पाकिस्तान की ये उपलब्धि भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय है। क्योंकि आपरेशन सिंदूर के बाद से तनाव के एक अलग दौर से गुजर रहे भारत—पाक संबंधों में इस धातु समूह ने ऐसी बाधा उत्पन्न की है जिससे निपटने में भारत को कूटनीति के तमाम आसनों से गुजरना पड़ सकता है क्योंकि इस धातु को हासिल करने के लिए अमेरिकी प्रशासन भारत के मुकाबले पाकिस्तान को एक बार फिर से अपनी गोद में बिठाने को लालायित है और उसकी ये ललक दक्षिण एशिया को फिर से आतंकवाद की आग में झुलसने को बाध्य कर सकती है।
इस रेयर अर्थ मिनरल समूह ने साउथ एशिया के तमाम समीकरणों को उलट दिया है। हकीकत में क्रिप्टोकरेंसी जैसे नवाचारों और मिनरल्स के आकर्षण में बंधा अमेरिका अब दक्षिण एशिया को नई नजर से देख रहा है। इसी वजह से भारत की रणनीतिक अहमियत फीकी दिख रही है।
इसी के चलते वाशिंगटन अब चीन-रूस से व्यापार बढ़ाने पर जोर दे रहा है। जहां तक पाकिस्तान का सवाल है तो रेको डिक जैसी परियोजनाएं न सिर्फ उसकी अर्थव्यवस्था को नया आकार देंगी, बल्कि वैश्विक मंच पर उसकी सौदेबाजी की ताकत बढ़ाएंगी। अब सवाल है कि क्या यह खजाना स्थिरता लाएगा या क्षेत्र में नई होड़ शुरू करेगा। ये आने वाला समय बताएगा।
