जुर्माने और शर्मनाक हार से दहला अफगानिस्तान, जिम्बाब्वे से हारने के बाद ICC ने भी दे दिया बड़ा झटका

नई दिल्ली: अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम के लिए जिम्बाब्वे दौरे की शुरुआत किसी बुरे सपने से कम नहीं रही। हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेले गए एकमात्र टेस्ट मुकाबले में अफगान टीम को जिम्बाब्वे ने पारी और 73 रनों से हरा दिया। बल्लेबाजों से लेकर गेंदबाजों तक, किसी ने भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया। मैच में अफगानिस्तान की टीम पहली पारी में सिर्फ 127 रन पर ढेर हो गई और दूसरी पारी में भी लड़खड़ा कर 159 रन ही बना सकी। इसके साथ ही टीम को न सिर्फ हार मिली बल्कि आईसीसी की तरफ से एक बड़ा झटका भी झेलना पड़ा।

दरअसल, अफगानिस्तान टीम को धीमी ओवर गति (Slow Over Rate) के कारण 25 फीसदी मैच फीस के जुर्माने का सामना करना पड़ा है। मैच रेफरी रिची रिचर्डसन ने यह जुर्माना इसलिए लगाया क्योंकि अफगान टीम निर्धारित समय से पांच ओवर पीछे रह गई थी। कप्तान हशमतुल्ला शाहिदी ने रेफरी के फैसले को स्वीकार कर लिया, जिसके बाद इस मामले में कोई औपचारिक सुनवाई नहीं की गई। यह जुर्माना पूरी टीम की मैच फीस से काटा जाएगा।

जिम्बाब्वे के लिए यह जीत ऐतिहासिक रही क्योंकि उसने अपने घरेलू मैदान पर 12 साल बाद कोई टेस्ट मैच जीता है। टीम ने पहली पारी में 359 रन बनाकर अफगानिस्तान पर भारी दबाव बना दिया था। कप्तान क्रेग एरविन और सीन विलियम्स की साझेदारी ने टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। जवाब में अफगान बल्लेबाज पूरी तरह फ्लॉप रहे और एक बार भी मुकाबले में वापसी नहीं कर सके।

इस हार के बाद अफगानिस्तान टीम के सामने अब टी20 सीरीज की चुनौती है, जो 29 अक्टूबर से हरारे में शुरू होगी। तीन मैचों की इस सीरीज में टीम अपने प्रदर्शन में सुधार करने की पूरी कोशिश करेगी ताकि टेस्ट की हार का बदला लिया जा सके। दूसरी ओर, जिम्बाब्वे टीम आत्मविश्वास से भरी हुई है और वह इस लय को छोटे फॉर्मेट में भी बरकरार रखना चाहेगी।

कुल मिलाकर, अफगानिस्तान के लिए यह दौरा एक चेतावनी साबित हुआ है कि टेस्ट फॉर्मेट में सफलता के लिए सिर्फ प्रतिभा नहीं, बल्कि धैर्य और रणनीति की भी जरूरत होती है। टीम प्रबंधन को बल्लेबाजी में स्थिरता और गेंदबाजी में अनुशासन लाने पर फोकस करना होगा, नहीं तो आने वाले बड़े टूर्नामेंटों में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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