99% लोग नहीं जानते! देश का पहला Aadhaar Card किसे जारी हुआ था?

first aadhaar card holder. देश में जब भी पहचान पत्रों की बात आती है, तो आधार कार्ड सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों में गिना जाता है। मौजूदा समय में यह न केवल पहचान का माध्यम है, बल्कि सरकारी योजनाओं, बैंकिंग सेवाओं और सब्सिडी पाने का मुख्य जरिया भी बन चुका है। लेकिन देश में 99 प्रतिशत लोगों को आधार कार्ड से जुड़ी बात पता नहीं होगी, क्या आप जानते हैं कि देश का पहला आधार कार्ड किसे मिला था? 

दरअसल आप को बता दें कि देश में आधार कार्ड को शुरु लगभग 15 साल होने वाली है। तो वही भारत में पहला आधार कार्ड देश के महाराष्ट्र के नंदुरबार ज़िले में बनाया गया था। इस रोचक जानकारी को पढ़कर आप हैरान रह जाएगें।

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कहां बना देश का पहला आधार कार्ड धारक

देश में पहला और आधार कार्ड की शुरुआत महाराष्ट्र के नंदुरबार ज़िले से हुई। यहां पर रंजना सोनवणे 2010 में भारत में आधार कार्ड पाने वाली पहली व्यक्ति थीं। उन्हें पहला आधार धारक बनाना एक प्रतीकात्मक और रणनीतिक कदम था, खबरों में बताया जा रहा है कि वह 54 साल की थीं और एक पिछड़े ग्रामीण जिले से आती थीं। उन्हें आधार का मकसद कल्याणकारी योजनाओं के अंतर को खत्म करना और समाज के सबसे वंचित लोगों तक पहुंचने के लिए चुना गया था

 रंजनाबाई से हुआ खास दस्तावेज की शुरुआत

सरकार ने इस खास दस्तावेज की शुरुआत कर लोगों का बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट और आंख की स्कैनिंग) और सामान्य जानकारी ली गई। रंजनाबाई का आधार नंबर उन्हें सीधे सरकारी योजनाओं, सब्सिडी और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) से जोड़ने वाला था। हालांकि अब सरकार ने आधार कार्ड से धीरे-धीरे ऐसे कई काम जोड़ा दिए हैं, जिससे लोगों को बड़ी सहुलियत तो मिल ही गई है, बल्कि कई सरकारी योजनाओं से लाभ मिलना आसान हो गया।

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पहले जहां केन्द्र और राज्य सरकार के द्वारा जरूरत मंद लोगों को लाभ लेने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था, तो वही लाभ बीच में अटक या फ्रॉड कर दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है, क्योंकि आधार कार्ड से बैंक खाता लिंक होता जिससे सीधा लाभ खाते में पहुंच जाता है।

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