NPS में बड़ा बदलाव, अब होंगे 3 नए मॉडल, गारंटी के साथ मिलेगी पेंशन और रिटायमेंट इनकम

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में अब तक के सबसे बड़े बदलावों का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य एनपीएस को और लचीला बनाना और रिटायरमेंट के बाद स्थिर आय की गारंटी देना है। वर्तमान में NPS बाजार आधारित प्रणाली पर चलता है, जिसमें गारंटीड पेंशन या स्थिर आय का कोई वादा नहीं होता। लेकिन नए मॉडल के आने से यह स्थिति पूरी तरह बदल सकती है।

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पेंशन की गारंटी और निकासी में छूट

प्राधिकरण ने जो मसौदा तैयार किया है, उसके तहत एनपीएस निवेशकों को भविष्य में तय पेंशन की गारंटी मिल सकती है। साथ ही, उन्हें अपनी जमा राशि निकालने में अधिक स्वतंत्रता दी जाएगी। यानी निवेशक अपनी आवश्यकता अनुसार जितनी रकम चाहें, उतनी निकाल सकेंगे। इस कदम का उद्देश्य रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा की भावना को मजबूत करना है।

तीन नए मॉडल से तय होगा पेंशन का स्वरूप

PFRDA ने मौजूदा प्रणाली की कमियों को दूर करने के लिए तीन नए पेंशन मॉडल का प्रस्ताव रखा है। इन मॉडलों को अलग-अलग निवेश प्राथमिकताओं और जरूरतों के अनुसार तैयार किया गया है, ताकि हर निवेशक अपनी सुविधा के हिसाब से विकल्प चुन सके।

पहला मॉडल- स्टेप-अप SWP और एन्‍युटी आधारित पेंशन

पहला मॉडल सिस्टमेटिक विड्रॉल प्लान (SWP) को एन्‍युटी के साथ जोड़ता है। इसमें निवेशक को हर महीने तय राशि दी जाएगी, लेकिन इस पर कोई गारंटी नहीं होगी। इसके लिए कम से कम 20 साल का योगदान जरूरी है, जो 18 वर्ष की उम्र से शुरू हो सकता है। 45 वर्ष की आयु तक कुल निवेश का 50% हिस्सा इक्विटी में रहेगा और इसके बाद धीरे-धीरे घटता जाएगा।

रिटायरमेंट के समय निवेशक को फंड से 4.5% मासिक राशि SWP के रूप में मिलेगी, जो हर साल 0.25% की दर से बढ़ेगी। 70 वर्ष की आयु के बाद शेष फंड से एन्‍युटी खरीदी जाएगी, जिससे आजीवन पेंशन जारी रहेगी। यदि निवेशक की मृत्यु 90 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है, तो लाभार्थी को उसी आयु तक पेंशन मिलती रहेगी।

दूसरा मॉडल- महंगाई से जुड़ा तय पेंशन लाभ

दूसरा मॉडल उन निवेशकों के लिए है जो स्थिर और महंगाई से जुड़ी आय चाहते हैं। इस योजना में पहले वर्ष की पेंशन तय होगी और हर साल यह महंगाई दर यानी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) के आधार पर बढ़ेगी। इसमें भी कम से कम 20 वर्षों का योगदान अनिवार्य रखा गया है। निवेश सरकारी इक्विटीज और उच्च रेटिंग वाले बांड में किया जाएगा, जबकि 25% तक की राशि इक्विटी में रखी जाएगी ताकि महंगाई के अनुसार रिटर्न मिलता रहे।

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तीसरा मॉडल- नया ‘पेंशन क्रेडिट’ सिस्टम

तीसरा और सबसे नवीन मॉडल ‘पेंशन क्रेडिट’ के नाम से प्रस्तावित है। इसके तहत निवेशक को तय अवधि वाली पेंशन क्रेडिट खरीदनी होगी, जो 1, 3 या 5 वर्ष की अवधि में परिपक्व होगी। निवेशक अपनी सेवानिवृत्ति की आयु, पेंशन लक्ष्य और निवेश योजना स्वयं तय कर सकेंगे। यह मॉडल लचीलापन देने के साथ-साथ दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।

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