Punjab government. देश में इस मानसूनी बारिश ने कहर बरपा करके रखा है। ऐसे कई राज्य हैं, जो इस भीषण बारिश के चपेट में आने से जान माल और फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। जिसमें से एक पंजाब राज्य में बारिश से कराह उठा है। अब राज्य सरकार ने एक से बढ़कर एक घोषणाएं कर दी है, जिसका लाभ जल्द ही मिलने वाला है। पंजाब सरकार ने राज्य में प्रभावित हुए लोगों के लिए एक से बढ़कर घोषणाएं की है, जिसमें से सदा खेत, उसकी रेत’ नामक एक योजना को भी मंजूरी दी, जिसके तहत किसानों को बाढ़ के बाद अपने खेतों में जमा रेत निकालने और बेचने की अनुमति होगी।
राज्य में शुरु हुई ये नई योजना
पंजाब सरकार ने राज्य में बाढ़ से फसल को हुए नुकसान के लिए 20,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा देने का फैसला किया है। तो वही इसके तहत मंत्रिमंडल ने ‘जिसदा खेत, उसकी रेत’ नामक एक योजना को भी मंजूरी दी, जिसके तहत किसानों को बाढ़ के बाद अपने खेतों में जमा रेत निकालने और बेच सकते हैं।
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सीएम ने वीडियो जारी कर कही ये बात
राज्य सरकार के द्धारा हाल ही में लिए गए फैसलों पर सीएम भगवंत मान ने वीडियो जारी किया है, जिसमें सीएम मान ने कहा, ‘‘हम किसानों को अपने खेतों से रेत निकालने की अनुमति दे रहे हैं। अगर आप रेत बेचना चाहते हैं या अपने लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं।’’
आप को याद दिला दें कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसानों ने अपने खेतों में बाढ़ के पानी के साथ आई रेत के जमा होने पर चिंता जताई की थी। इसके साथ ही सरकार ने बाढ़ से फसल को हुए नुकसान पर बड़ी बात कही है, जिससे राज्य सरकार प्रभावित किसानों को 20,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा देने का ऐलान कर दिया है।
4 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान
सीएम मान ने कहा कि अब तक ये देश में किसी भी राज्य द्वारा दिया जाने वाला सबसे ज्यादा मुआवजा है। मुआवजे के चेक आपको (किसानों को) सौंप दिए जाएंगे। सरकार के अनुसार, बाढ़ में 1.76 लाख हेक्टेयर जमीन पर लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। मान ने ये भी कहा कि बाढ़ में अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले परिवारों को 4 लाख रुपये दिए जाएंगे।
इसके आलावा बाढ़ से प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए घरों का सर्वेक्षण किया जाएगा। सहकारी समितियों और राज्य कृषि बैंकों से लोन लेने वाले किसानों के लिए कर्ज चुकाने की समय सीमा 6 महीने बढ़ा दी गई है।