UPI digital payment. देश में जब से यूपीआई डिजिटल पेमेंट आया है ,जो हर कोई इससे लेनदेन कर रहा है, तो वही यूपीआई लेनदेन अभी फ्री है, जिससे अगर आप भी डिजिटल पेमेंट करते हैं, तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से बड़ी राहत की खबर आई है। बुधवार को मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने साफ कहा कि UPI लेनदेन पर किसी तरह का शुल्क लगाने का कोई प्रस्ताव फिलहाल मौजूद नहीं है। इसका मतलब है कि UPI पहले की तरह पूरी तरह मुफ्त रहेगा।
आप को बता दें कि खबरों इससे पहले कई सामने आया है कि सरकार डिजिटल पेमेंट यूपीआई पर शुल्क लगा सकती है, जिससे लोगों को इसका बड़ा असर पड़ता, हालांकि RBI गवर्नर के ओर से साफ कह दिया गया है, कि UPI लेनदेन पर किसी तरह का शुल्क लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
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RBI गवर्नर ने क्या कहा
UPI पर चार्ज लगने की अटकलों के बीच जब उनसे सीधे सवाल पूछा गया, तो गवर्नर संजय मल्होत्रा ने साफ जवाब दिया “क्या UPI पर शुल्क लगेगा? हमारे पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।” उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों में UPI ट्रांजैक्शंस की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है और इसका उद्देश्य डिजिटल पेमेंट्स को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना है। दरअसल यह बयान ऐसे समय पर आया है जब UPI लगातार रिकॉर्ड बना रहा है और भारत दुनिया का सबसे बड़ा रीयल-टाइम पेमेंट्स मार्केट बन चुका है।
सब्सिडी कटौती पर उठे सवाल
हाल ही में केंद्र सरकार ने बजट में UPI सब्सिडी में बड़ी कटौती की है। वित्त वर्ष 2026 के लिए यह घटकर केवल ₹437 करोड़ रह गई है, जबकि FY25 में यह ₹2,000 करोड़ और FY24 में ₹3,631 करोड़ थी। इस वजह से बाजार में चर्चा तेज हो गई थी कि क्या आगे चलकर सरकार UPI पर कोई शुल्क लगा सकती है।
हालांकि, RBI गवर्नर ने इस पर भी स्थिति साफ करते हुए कहा कि सरकार और RBI दोनों का लक्ष्य है कि UPI को जीरो-कॉस्ट मॉडल पर बनाए रखा जाए, जिससे की आम लोग आसानी से इसका इस्तेमाल कर सकें और देशभर में डिजिटल पेमेंट की पहुंच और व्यापक हो।
क्यों उठी थी आशंका?
आप को बता दें कि UPI का जीरो-चार्ज मॉडल लंबे समय से चर्चा में रहा है। बैंक और पेमेंट कंपनियां यह सवाल उठाते रहे हैं कि बिना शुल्क लिए यह मॉडल लंबे समय तक कैसे टिकेगा। खासकर तब, जब हर ट्रांजैक्शन पर इंफ्रास्ट्रक्चर और ऑपरेशन की लागत आती है। सब्सिडी में भारी कटौती के बाद आशंका और गहरी हो गई थी कि कहीं यह बोझ ग्राहकों पर तो नहीं डाला जाएगा। लेकिन RBI के ताजा बयान से साफ हो गया है कि फिलहाल ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला।
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कई देशों में छा गया यूपीआई
भारत ने बीते कुछ वर्षों में डिजिटल पेमेंट्स के क्षेत्र में दुनिया भर में पहचान बनाई है। UPI न सिर्फ घरेलू बाजार में लोकप्रिय है, बल्कि इसे कई देशों में अपनाया है, तो वही सरकार और RBI का फोकस यही है कि इस सिस्टम को पूरी तरह मुफ्त और सुविधाजनक रखा जाए।