PM SVANidhi: सरकार का बड़ा तोहफा! चायवाले से सब्जीवाले तक, अब हर किसी को मिलेगें ₹50,000

PM SVANidhi. कस्बों से लेकर शहरों में ऐसे लाखों रेहड़ी-पटरी वाले होते हैं,जो छोटे-छोटे काम करते है। लोगों के लिए यह डेली लाइफ में अहम होते है, क्योंकि सब्जी, मोची जैसे काम हर रोज की जरूरतें पूरी करते है। देश में बड़े स्तर पर छोटे-छोटे बिजनेस किए जाते है, जहां पर या यूं कहें की डेली लाइफ में लोगों के लिए काफी महत्व रखते है। सरकार ऐसे लोगों के लिए कई खास स्कीम का संचालन कर रही है, जिसमें से प्रधानमंत्री स्वनिधि (PM SVANidhi) योजना भी एक है।

दरअसल कोरोना काल में यह योजना पहली बार देश में लागू हुई, जिससे प्रधानमंत्री स्वनिधि (PM SVANidhi) योजना में लाखों लोगों ने लाभ उठाया है। जिसकी जानकारी हम यहां पर दे रहे है।

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आप को बता दें कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि (PM SVANidhi) योजना को और प्रभावी बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब इस योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स यानी रेहड़ी-पटरी लगाने वाले विक्रेताओं को 30 हजार रुपये तक का क्रेडिट कार्ड और अतिरिक्त 10 हजार रुपये का लोन मिल सकेगा। सरकार का कहना है कि इसका मकसद उन छोटे कारोबारियों को सहारा देना है जो अक्सर महंगे सूदखोरों के चक्कर में फंस जाते हैं।

योजना की शुरुआत कैसे हुई?

यह योजना जून 2020 में कोरोना महामारी के दौरान शुरू की गई थी। उस वक्त लाखों रेहड़ी-पटरी वालों की रोज़ी-रोटी छिन गई थी। सरकार ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए Prime Minister Street Vendor’s AtmaNirbhar Nidhi यानी PM SVANidhi योजना शुरू की। इसके तहत बिना गारंटी छोटे-छोटे लोन दिए जाते हैं ताकि लोग फिर से अपना काम शुरू कर सकें।

लोन और फायदे क्या हैं?

इस योजना में तीन चरणों में लोन की सुविधा दी जाती है।

  • पहला लोन: 10,000 रुपये तक, 12 महीने की अवधि, 7% ब्याज सब्सिडी के साथ
  • दूसरा लोन: 20,000 रुपये तक, 12–18 महीने की अवधि, पहला लोन चुकाने के बाद
  • तीसरा लोन: 30,000 से 50,000 रुपये तक, 18–36 महीने की अवधि, दूसरा लोन पूरा करने के बाद

इसके साथ ही सरकार 7% तक ब्याज सब्सिडी देती है। इतना ही नहीं, अगर वेंडर डिजिटल पेमेंट करता है तो हर महीने 100 रुपये तक का कैशबैक भी दिया जाता है। सबसे खास बात यह है कि समय से पहले लोन चुकाने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता।

योजना का उद्देश्य

इस स्कीम का मुख्य मकसद छोटे कारोबारियों को सशक्त बनाना और उन्हें औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना है। इससे लोग महंगे कर्ज से बचते हैं और डिजिटल लेन-देन की ओर बढ़ते हैं। अब तक 25 लाख से ज्यादा वेंडर्स को इस योजना का लाभ मिल चुका है।

पात्रता कौन-कौन है?

यह योजना शहरों और कस्बों में काम करने वाले रेहड़ी-पटरी वालों के लिए है। इसके लिए वेंडर के पास शहरी स्थानीय निकाय (ULB) का सर्टिफिकेट या आईडी कार्ड होना जरूरी है। अगर नाम सर्वे में छूट गया है तो सिफारिश पत्र (LoR) भी मान्य होगा। जिनके पास प्रमाणपत्र नहीं है, उन्हें ULB सत्यापन के बाद शामिल किया जा सकता है।

आवेदन कैसे करें?

आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपलब्ध है। जिससे आधिकारिक पोर्टल पर जाकर मोबाइल नंबर से लॉगिन कर आवेदन किया जा सकता है। कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) से भी फॉर्म भरा जा सकता है। हालांकि सरकार ने बैंक में आवेदन करने की सुविधा दी है।

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जरूरी दस्तावेज

  • आधार कार्ड (मोबाइल नंबर लिंक होना चाहिए)
  • बैंक पासबुक
  • स्ट्रीट वेंडर आईडी कार्ड या सर्टिफिकेट
  • नगर निकाय से सत्यापन प्रमाण पत्र (यदि सर्टिफिकेट नहीं है)
  • पिछले लोन चुकाने का प्रमाणपत्र (अगर दूसरा/तीसरा लोन लेना है)

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