RBI ने बदल दिए ये जरूरी नियम, अब 15 दिन में निपटेंगे बैंक अकाउंट और लॉकर क्लेम!

RBI rules. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव करते हुए मृत ग्राहकों के अकाउंट और लॉकर क्लेम निपटाने के नए नियम जारी किए हैं। अब बैंकों को यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे सभी जरूरी दस्तावेज मिलने के 15 दिनों के भीतर दावे का निपटारा करें। देरी होने पर ग्राहकों को मुआवजा भी देना होगा। भारतीय रिज़र्व बैंक का इन बदलावों का उद्देश्य ग्राहकों को राहत देना और बैंकिंग प्रक्रिया को आसान बनाना है।

दरअसल आप को बता दें कि अभी तक अलग-अलग बैंकों में मृत ग्राहक के दावे निपटाने की प्रक्रिया अलग-अलग होती थी। कहीं दस्तावेजों की लिस्ट अलग, तो कहीं समय सीमा तय नहीं थी। इसी असमानता को खत्म करने और बैंकिंग सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए RBI ने ‘सेटलमेंट ऑफ क्लेम्स इन रिस्पेक्ट ऑफ डिसीज़्ड कस्टमर्स ऑफ बैंक्स डायरेक्शंस, 2025’ जारी किए हैं।

ये भी पढ़ें-IND vs PAK- Final: फाइनल में अभिषेक शर्मा के बल्ले से बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया कप 2025 का फाइनल रहेगा यादगार

नॉमिनी और सर्वाइवरशिप क्लॉज वाले खाते

अगर किसी खाते में नॉमिनी दर्ज है या खाता सर्वाइवरशिप क्लॉज (यानी एक की मृत्यु पर दूसरा खाते का मालिक बन जाएगा) के साथ खोला गया है, तो प्रक्रिया बेहद आसान होगी। ऐसे मामलों में बैंक सीधे नॉमिनी या सर्वाइवर को रकम दे देंगे। आरबीआई ने कहा है कि इस भुगतान के बाद बैंक की जिम्मेदारी पूरी मानी जाएगी और उसे किसी कानूनी विवाद में नहीं पड़ना होगा।

छोटे दावों के लिए सरल प्रक्रिया

जहां खाते में नॉमिनी नहीं है, वहां छोटे दावों के लिए आसान व्यवस्था की गई है। इसके लिए आरबीआई ने ‘थ्रेशोल्ड लिमिट’ तय कर दी है, जिससे को-ऑपरेटिव बैंकों में यह सीमा 5 लाख रुपये तक होगी। बाकी बैंकों (सरकारी और निजी) के लिए यह सीमा 15 लाख रुपये तय की गई है। इस सीमा के भीतर आने वाले दावों के लिए बैंकों को ज्यादा कानूनी दस्तावेज नहीं मांगने होंगे। इससे परिवारों को तुरंत मदद मिल सकेगी।

बड़े रकम दावों में क्या होगा?

अगर रकम ‘थ्रेशोल्ड लिमिट’ से अधिक है, तो बैंक अतिरिक्त दस्तावेज मांग सकते हैं। इसमें आमतौर पर उत्तराधिकार प्रमाण पत्र या कानूनी वारिस प्रमाण पत्र शामिल होता है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि पैसा सही वारिस तक पहुंचे और किसी तरह की फ्रॉड ड़ी न हो।

लॉकर और सुरक्षित वस्तुओं के दावे

नए नियम सिर्फ खातों पर ही नहीं, बल्कि लॉकर और बैंक की सेफ कस्टडी में रखी गई वस्तुओं पर भी लागू होंगे। RBI ने स्पष्ट किया है कि लॉकर का दावा कौन कर सकता है, किन दस्तावेजों की जरूरत होगी और लॉकर की वस्तुओं का निपटारा कैसे होगा—यह सब मानकीकृत प्रक्रिया के तहत किया जाएगा।

ये भी पढ़ें-Vivo x200 Pro : मार्केट का धांसू मोबाइल और मिलता 50 मेगापिक्सल के कैमरा, जाने डिटेल्स

कब से लागू होगें ये निमय

RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि ये नियम जल्द से जल्द लागू करें। लेकिन अंतिम तारीख 31 मार्च 2026 तय की गई है। उसके बाद सभी बैंकों को इन्हें पूरी तरह लागू करना अनिवार्य होगा।

Leave a Comment