नई दिल्लीः हर इंसान का सपना रहता है कि वह सोना-चांदी (GOLD-SILVER) के गहने पहने. पैसे वाले अमीर लोग अपने इस सपने को पूरा भी करते हैं. यही वजह कि सोना-चांदी (GOLD-SILVER) के जेवर खरीदने के लिए लोगों को मोटा पैसा खर्च करना पड़ता है. सोना से जुड़ा एक रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर हैरान रह जाएंगे. आपने अमूमन देखा होगा कि सुनार के शोरूम से सोना-चांदी गुलाबी कागज में लपेटकर दी जाती है.
ज्वेलर के यहां से जब सोना गुलाबी कागज में लेते हैं तो समझ नहीं पाते हैं. कुछ लोग तो इसे संयोग ही समझते हैं, लेकिन क्या आपको पता कि ऐसा नहीं है. इसके पीछे बेहद खास वजह छिपी होती है. कई बार लोग समझ नहीं पाते हैं. आखिर ऐसी क्या वजह छिपी होती है, नीचे इसकी डिटेल जान सकते हैं.
गुलाबी कागज में क्यों दिया जाती ज्वेलरी
सुनकर हैरानी हो रही होगी कि गुलाबी रंग के कागज में ही ज्वेलरी क्यों दी जाती है. इसकी एक नहीं, बल्कि कई बड़ी वजह छिपी रहती हैं. जो हर किसी को जाननी बहुत ही जरूरी हैं. जानकर हैरानी होगी कि जिस गुलाबी रंग के कागज में सोने-चांदी के जेवर दिए जाते हैं, वह बहुत ही खास रहते हैं. अधिकतर चांदी हवा या नमी के संपर्क में आने से फिकी पड़ जाती है.
इतना ही नहीं काली दिखाई देने लगती है. इसके अलावा सोने की शाइनिंग भी काफी कम हो जाती है. यही वजह है कि इन्हें गुलाबी रंग के कागज में लपेटकर दिया जाता है. सुनार का मकसद इसे नमी से बचाना रहता है. गुलाबी रंग के कागज में ज्वेलरी देने से उसकी चमक बरकरार कायम रहती है. यही वजह है कि जेवर खूबसूरत नजर आते हैं. यही वजह है कि सुनार गुलाबी रंग के कागज में ही जेवर रखना पसंद करते हैं.
रूई का इस्तेमाल भी था फायदे का सौदा
जानकारी के लिए बता दें कि पुराने जमाने में सोना-चांदी ज्वेलरी रखने के लिए सुनार के पास डिजाइनिंग डिब्बे नहीं रहते थे. जेवर को गुलाबी रंग के कागज में ही लपेटकर रखते थे. कुछ सुनार इसके लिए रूई का भी इस्तेमाल करते थे. जिससे गहनों को नमी से ही बचाकर सुरक्षित रखा जा सके.