Success story kisan. कहते हैं किस्मत कभी भी कहीं भी चमक सकती है। आजकल युवा पढ़ाई लिखाई कर बड़ी-बड़ी कंपनियों में जॉब करना चाहते हैं। तो वही एक ऐसा भी यह शख्स है जिन्होंने 8 लाख पैकेज छोड़कर गांव में खेती किसानी कर 24 लाख रुपए की कमाई की है और लोगों का लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। जी हां बालाघाट जिले में एक इंजीनियर में ऐसा ही कमाल किया है जिन्होंने बीटेक कर ₹8,00,000 का पैकेज हासिल किया लेकिन यहां ज्यादा दिन काम में मन नहीं लगा और अपनी पुश्तैनी खेती की ओर लौट पड़े।

बालाघाट जिले के तहसील के रहने वाले किसान पहले इंजीनियर हुआ करते थे। लेकिन करोना काल में अपनी लाखों रुपए की सैलरी की नौकरी छोड़कर पुरानी खेती करना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि पहले वह पारंपरिक खेती करते थे। जिसमें धान गेहूं चना की फसल उगार करकमाई करते थे। लेकिन उन्होंने देखा कि सीजन में ऐसी कई सब्जियों की खेती करने से बेहतर कमाई की जा सकती है। जिसमें वह कद्दू करेला लौकी कड़ी जैसे सब्जियां उगाने लगे।
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दरअसल पिता की खेती का रूप ही बदल दिया और चार सीजन कद्दूवर्गीय सब्जियों की खेती करते हैं, जिसमें वे कद्दू, करेला, लौकी, ककड़ी और अन्य सब्जियां की खेती करते हैं, जिसमें और फसल के मुकाबले काफी अच्छी आमदनी होती है।
अब कर रहे 6 एकड़ भूमि में खेती
इस युवा किसान ने आगे बताया कि वह 6 एकड़ भूमि में खेती कर रहे हैं और प्रति एकड़ लगभग 4 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं। किसान ने बताया कि उनकी सब्जियां स्थानीय बाजारों और मंडियों में अच्छी कीमत पर बिकती हैं। जिससे करीब 18 से 24 लाख रुपए तक की कमाई एक साल में कर लेते हैं। खास बात तो यह है कि कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं।
हाइब्रिड और स्वदेशी बीजों का संतुलित उपयोग
इस युवा किसान विनीत ने बताया है, कि वे हाइब्रिड और स्वदेशी दोनों तरह के बीजों का इस्तेमाल करते हैं। स्वदेशी सब्जियों की स्थानीय बाजार में अधिक मांग रहती है। तो वही अन्य किसानों के लिए उन्होंने अच्छीू बात बताई की ऐसे कई हाइब्रिड बीजों से अधिक उत्पादन करते हैं, जिससे बड़ी मंडियों में भेजते हैं। यहां पर फसल की क्वलिटी अच्छी होती है, जिससे मार्केट में सबसे पहले सेल हो जाती है।