नई दिल्ली: इंडिया ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच खेली गई दो अनऑफिशियल टेस्ट मैचों की सीरीज का आखिरी मुकाबला रोमांच से भरा रहा। इस मैच में भारतीय टीम ने 412 रन का लक्ष्य हासिल करते हुए पांच विकेट से जीत दर्ज की और टेस्ट क्रिकेट के ए लेवल इतिहास में एक अनोखा रिकॉर्ड बना दिया। इससे पहले कभी भी किसी भी ए टीम ने टेस्ट क्रिकेट में 400 से ज्यादा रन का लक्ष्य चेज नहीं किया था।
इस ऐतिहासिक रनचेज में भारतीय बल्लेबाजों का योगदान बेहद शानदार रहा। ओपनिंग में एन जगदीशन और केएल राहुल ने पहले विकेट के लिए 176 रनों की साझेदारी कर टीम को मजबूत शुरुआत दी। जगदीशन 36 रन बनाकर आउट हुए, लेकिन राहुल ने कप्तानी पारी खेलते हुए 176* रन बनाए। अपनी इस पारी में उन्होंने 16 चौके और 4 छक्के लगाए। उनके साथ साई सुदर्शन ने भी कमाल दिखाया और 172 गेंदों में 100 रन की शतकीय पारी खेली। वहीं कप्तान ध्रुव जुरेल ने 66 गेंदों पर 56 रन जड़ते हुए लक्ष्य तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई।
मैच का सबसे खास पल तब आया जब राहुल चोट के चलते रिटायर्ड हर्ट होकर लौट गए, लेकिन अगले दिन फिर से मैदान पर उतरकर उन्होंने शानदार बल्लेबाजी जारी रखी और नाबाद लौटे। इसी प्रदर्शन की बदौलत उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड भी दिया गया। नितीश कुमार रेड्डी भी 16 रन बनाकर नाबाद रहे और राहुल का साथ निभाया।
अगर पहली पारी की बात करें तो भारत की स्थिति बेहद खराब थी। ध्रुव जुरेल ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ए ने पहली पारी में 420 रन ठोक दिए। जवाब में इंडिया ए की टीम सिर्फ 194 रन पर सिमट गई और ऑस्ट्रेलिया को 226 रनों की भारी बढ़त मिल गई। ऐसा लग रहा था कि मैच भारत के हाथ से निकल जाएगा, लेकिन गेंदबाजों ने शानदार वापसी कराई।
दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाजों ने घातक प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 196 रन पर ढेर कर दिया। इस बार गुरनूर बरार और मानव सुथार ने तीन-तीन विकेट झटके, जबकि मोहम्मद सिराज और यश ठाकुर ने 2-2 विकेट हासिल किए। गेंदबाजों की इस शानदार वापसी और बल्लेबाजों की जुझारू पारी की बदौलत ही इंडिया ए ने इतिहास रचते हुए 400+ रन का लक्ष्य सफलतापूर्वक चेज किया।
यह जीत भारत ए के लिए सिर्फ सीरीज का हिस्सा नहीं रही, बल्कि टेस्ट क्रिकेट की ए कैटेगरी में नए युग की शुरुआत जैसी रही। इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड ने साफ कर दिया है कि भारतीय टीम के पास सिर्फ स्टार क्रिकेटर ही नहीं, बल्कि मजबूत बेंच स्ट्रेंथ भी है, जो बड़े से बड़ा चैलेंज जीत में बदल सकती है।