इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की अंतिम तारीख करीब आ चुकी है। ऐसे में टैक्सपेयर्स को सलाह दी जाती है कि वे आखिरी वक्त तक इंतजार न करें और समय रहते अपना रिटर्न भर दें। समयसीमा के बाद फाइलिंग करने पर भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसी बीच टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दो मोबाइल ऐप लॉन्च किए हैं। इन ऐप्स की मदद से लोग बिना किसी परेशानी और जल्दबाजी के अपने टैक्स रिटर्न को ऑनलाइन फाइल कर सकेंगे।
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नए मोबाइल ऐप
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ‘AIS for Taxpayer’ और ‘Income Tax Department’ नाम से दो मोबाइल ऐप जारी किए हैं। ये एंड्रॉइड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। खासतौर पर इन्हें सैलरीड व्यक्तियों, पेंशनर्स और छोटे टैक्सपेयर्स को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इनका उद्देश्य टैक्स फाइलिंग को आसान और समय बचाने वाला बनाना है, ताकि यूजर्स को पोर्टल या मैन्युअल प्रोसेस में दिक्कत न आए।
कैसे करें ITR फाइलिंग मोबाइल ऐप से
टैक्सपेयर को ऐप पर लॉगिन करने के लिए आधार आईडी, पैन और पासवर्ड की जरूरत होगी। लॉगिन करने के बाद यूजर्स को एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी (TIS) का डेटा सीधे ऐप में दिख जाएगा। इस डेटा में बैंक, नियोक्ता, म्यूचुअल फंड्स जैसी संस्थाओं से प्राप्त जानकारी पहले से उपलब्ध होती है, जिससे मैन्युअल एंट्री की जरूरत काफी हद तक कम हो जाती है।
ऐप आपकी आय जैसे वेतन, पेंशन, कैपिटल गेन या अन्य आय स्रोतों के आधार पर सही ITR फॉर्म चुनने में मदद करता है। यदि किसी आय का ब्यौरा छूट गया है, जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट का ब्याज या किराए से होने वाली आय, तो उसे मैन्युअली जोड़ा जा सकता है।
ई-वेरिफिकेशन और रिटर्न सबमिशन
जब टैक्सपेयर सभी जानकारी पूरी कर लेता है, तो रिटर्न की ई-वेरिफिकेशन आधार ओटीपी, नेट बैंकिंग या डिजिटल सिग्नेचर के जरिए हो सकती है। ई-वेरिफिकेशन के बाद रिटर्न तुरंत सबमिट हो जाता है और साथ ही एक्नॉलेजमेंट भी जनरेट हो जाता है। इस तरह पूरी प्रक्रिया न केवल सुरक्षित होती है बल्कि बेहद तेज भी हो जाती है।
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ई-फाइलिंग पोर्टल पर अन्य सुविधाएं
मोबाइल ऐप्स के अलावा ई-फाइलिंग पोर्टल टैक्सपेयर्स के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है। यहां न केवल ITR फाइलिंग बल्कि टैक्स प्रोफाइल मैनेज करने की भी सुविधा मिलती है। टैक्सपेयर अपने टैक्स भुगतान की जानकारी, रिफंड स्टेटस, नोटिस का जवाब और पुरानी फाइलिंग का रिकॉर्ड आसानी से देख सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए एक्टिव पैन कार्ड, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी जरूरी है और हर पैन कार्ड के लिए अलग रजिस्ट्रेशन करना होता है।