भारत सरकार ने पैन और आधार को लिंक करना अब पूरी तरह अनिवार्य कर दिया है। इसका उद्देश्य टैक्स चोरी और पहचान से जुड़ी धोखाधड़ी पर रोक लगाना है। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने के लिए पैन और आधार का जुड़ा होना बेहद जरूरी हो गया है। अगर कोई नया पैन कार्ड बनवाता है, तो वह अपने-आप आधार से लिंक हो जाता है। लेकिन पुराने पैन कार्ड धारकों को इसे खुद लिंक करना होगा। सरकार ने इसके लिए 31 दिसंबर 2025 की अंतिम तारीख तय की है।
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समय पर लिंक नहीं किया तो लगेगा जुर्माना
अगर कोई पैन धारक निर्धारित समय सीमा तक आधार से लिंक नहीं करता है, तो उसे जुर्माना और लेट फीस चुकानी पड़ सकती है। यह कदम केवल नियम लागू करने के लिए नहीं बल्कि टैक्स चोरी को रोकने के लिए भी बेहद अहम है।
क्यों जरूरी है आधार-पैन लिंकिंग?
इनकम टैक्स विभाग के अनुसार, कई लोग टैक्स चोरी के लिए एक से ज्यादा पैन कार्ड बनवाते थे या किसी दूसरे व्यक्ति के पैन का उपयोग करते थे। इसके अलावा, फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी बड़ी समस्या बन चुके थे। नकली या डुप्लीकेट पैन कार्ड से सरकार को भारी राजस्व नुकसान हो रहा था। इसी वजह से आधार-पैन लिंकिंग को अनिवार्य किया गया है।
भारत में कितने लोग कर चुके हैं लिंकिंग?
मार्च 2024 तक भारत में कुल 74 करोड़ से ज्यादा पैन कार्ड धारक थे। इनमें से लगभग 60.5 करोड़ लोगों ने अपने पैन को आधार से जोड़ लिया था। इसका मतलब है कि अभी भी करोड़ों लोग इस प्रक्रिया से जुड़े नहीं हैं और उन्हें समय पर यह काम पूरा करना होगा।
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ऐसे ऑनलाइन करें आधार-पैन लिंक
पैन और आधार को जोड़ने के लिए किसी को भी दफ्तर जाने की जरूरत नहीं है। इसे आसानी से ऑनलाइन किया जा सकता है। इसके लिए इनकम टैक्स ई-फाइलिंग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। बिना लॉगिन किए होम पेज पर “Link Aadhaar” विकल्प चुनें या लॉगिन करने के बाद प्रोफाइल सेक्शन में जाएं। यहां पैन, आधार नंबर और आधार पर लिखा नाम दर्ज करना होगा। इसके बाद मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा जिसे दर्ज करने पर स्क्रीन पर सफल लिंकिंग का संदेश दिखाई देगा।