नई दिल्ली: एशिया कप 2025 में अफगानिस्तान का सफर यहीं खत्म हो गया है। अबू धाबी में खेले गए करो या मरो के मुकाबले में श्रीलंका ने अफगानिस्तान को हराकर सुपर-4 में अपनी जगह पक्की कर ली। अफगानिस्तान की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में आठ विकेट खोकर 169 रन बनाए। जवाब में श्रीलंका ने शानदार प्रदर्शन किया और 18.4 ओवरों में चार विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। इस जीत के साथ श्रीलंका ने टूर्नामेंट में आगे का सफर तय किया, जबकि अफगानिस्तान का एशिया कप का सफर यहीं समाप्त हो गया। इस मैच में श्रीलंका के बल्लेबाज कुसल मेंडिस ने नाबाद 74 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई और उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया।
हार के बाद अफगानिस्तान के कप्तान राशिद खान काफी निराश नजर आए। उन्होंने कहा कि टीम ने जिस तरह से अपनी पारी का अंत किया, वह खास था, लेकिन गेंदबाजी में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं हो पाया। राशिद ने माना कि टीम की सबसे बड़ी कमजोरी यह रही कि वह दबाव के पल में सही गेंदबाजी नहीं कर पाई। उन्होंने अबू धाबी की पिच को लेकर भी अपनी राय दी और कहा कि यह दुबई की पिच से बिल्कुल अलग थी और पारंपरिक स्पिनिंग ट्रैक नहीं थी। उनके मुताबिक यहां सही क्रिकेटिंग शॉट्स खेलने पर 170 से 180 रन का लक्ष्य हासिल किया जा सकता था, लेकिन अफगानिस्तान ने उस स्तर की गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में ही कमी दिखाई।
कप्तान राशिद खान ने यह भी कहा कि अब टीम को बैठकर सोचने और गलतियों से सीखने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में अफगानिस्तान ने कई आईसीसी इवेंट्स और एशिया कप के मुकाबले खेले हैं और हर बार तैयारी मजबूत रही है। पिछली बार टीम टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक पहुंची थी, जिससे इस बार फैंस की उम्मीदें और भी ज्यादा थीं। राशिद का कहना था कि कम से कम सुपर-4 तक तो पहुंचना ही चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने आगे यह भी जोड़ा कि अब टीम को मजबूती के साथ वापसी करने के इरादे से आगे बढ़ना होगा।
एशिया कप 2025 का यह मुकाबला अफगानिस्तान के लिए बेहद अहम था, लेकिन श्रीलंका के बल्लेबाजों ने बेहतरीन खेल दिखाकर टीम को हार का सामना करने पर मजबूर कर दिया। आठ गेंद शेष रहते अफगानिस्तान को छह विकेट से शिकस्त झेलनी पड़ी। इस हार ने यह साफ कर दिया कि टीम को अब रणनीति और प्रदर्शन दोनों स्तर पर बड़े बदलाव की जरूरत है।